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भाजपा संगठन में जगह बनाने के लिए जूझ रहे ​हैं दिग्गज

भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक 11 और 12 अक्टूबर को कानपुर में होने जा रही है, भाजपा अध्यक्ष डॉ. पांडेय अपनी कार्यकारिणी गठित करने के लिए सक्रिय हैं।

By Amal ChowdhuryEdited By: Published: Mon, 09 Oct 2017 12:30 PM (IST)Updated: Mon, 09 Oct 2017 12:31 PM (IST)
भाजपा संगठन में जगह बनाने के लिए जूझ रहे ​हैं दिग्गज
भाजपा संगठन में जगह बनाने के लिए जूझ रहे ​हैं दिग्गज

लखनऊ (आनन्द राय)। भाजपा उत्तर प्रदेश की कमान डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय के हाथ में आने के बाद अब संगठन का चेहरा बदलने की शुरू है। प्रदेश और केंद्र सरकार में दर्जन भर से ज्यादा पदाधिकारियों के मंत्री बनने से 'एक व्यक्ति-एक पद' सिद्धांत के चलते उनकी छुट्टी होनी तय है। इन पदों को भरने के साथ ही संगठन में फेरबदल होना है। ऐसे में भाजपा की कार्यकारिणी में अपनी जगह बनाने के लिए पूर्वी उत्तर प्रदेश से लेकर पश्चिम तक के कई दिग्गज जूझ रहे हैं।

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भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक 11 और 12 अक्टूबर को कानपुर में होने जा रही है। भाजपा अध्यक्ष डॉ. पांडेय अपनी कार्यकारिणी गठित करने के लिए सक्रिय हैं। इस सिलसिले में उन्होंने भाजपा मुख्यालय में संगठन महामंत्री सुनील बंसल से विमर्श किया है।

हालांकि अभी यह तय नहीं है कि डॉ. पांडेय अपनी कमेटी कानपुर की बैठक से पहले घोषित करेंगे या बाद में पर, इतना जरूर है कि पूरी कार्यकारिणी भले न बदले लेकिन, पदाधिकारियों के मंत्री बनने से रिक्त होने वाले पदों को जल्दी भरा जाएगा।

इसकी आहट भर से जहां भाजपा संगठन के कई मंत्री अब उपाध्यक्ष और महामंत्री बनने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं तो वहीं संगठन से बाहर के कई प्रभावी नेता जगह बनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। प्रदेश की कार्यकारिणी में उपाध्यक्ष के पांच और महामंत्री के दो पद रिक्त होने वाले हैं।

इन पदों को संगठन के ही पदाधिकारियों को प्रोन्नति देकर भरा जा सकता है। कुछ पुराने अनुभवी नेताओं को भी इसमें मौका मिल सकता है। संगठन में सामाजिक और भौगोलिक समीकरण साधने पर विशेष जोर रहेगा। इस कार्यकारिणी का गठन 2019 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर होगा।

प्रदेश सरकार के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, मंत्री दारा सिंह चौहान, महेंद्र सिंह, श्रीकांत शर्मा और सिद्धार्थनाथ सिंह भाजपा के राष्ट्रीय संगठन में पदाधिकारी हैं। ये सभी संगठन से हटेंगे। संभव है कि इनकी जगह उत्तर प्रदेश के ही नेताओं को संगठन में मौका मिले।

भाजपा के दो प्रदेश उपाध्यक्ष शिवप्रताप शुक्ल और डॉ. सत्यपाल सिंह केंद्र सरकार में मंत्री हैं। इनकी जगह प्रदेश में ब्राह्मण और जाट समीकरण के साथ पूर्वांचल और पश्चिम को साधने पर जोर रहेगा। इनके अलावा अन्य तीन उपाध्यक्ष धर्मपाल सिंह, आशुतोष टंडन व सुरेश राणा प्रदेश सरकार में मंत्री हैं। टंडन लखनऊ के हैं जबकि बाकी दो पश्चिम के हैं। चूंकि प्रदेश अध्यक्ष पूर्वी उत्तर प्रदेश के हैं इसलिए पश्चिम के ही नेताओं को मौका मिल सकता है।

प्रदेश में सात महामंत्री के पद हैं जिनमें स्वतंत्र देव सिंह और अनुपमा जायसवाल प्रदेश सरकार में स्वतंत्र प्रभार की मंत्री हैं जबकि कोषाध्यक्ष राजेश अग्रवाल अब वित्त मंत्री हैं। इन तीनों की भी संगठन से छुट्टी होनी तय है।

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भाजपा के अवध क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष मुकुट बिहारी वर्मा और पश्चिम के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह और भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष स्वाती सिंह के मंत्री बन जाने से उनकी जगह भी नई तैनाती होगी। इस तरह करीब दस पद रिक्त हैं। संकेत मिले हैं कि पिछली कार्यकारिणी के ज्यादातर पदाधिकारी संगठन में बने रहेंगे।

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