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UP: जातीय हिंसा की साजिश के बीच उपचुनाव व त्योहारों पर कानून-व्यवस्था की बड़ी चुनौती, खुफिया तंत्र सक्रिय

हाथरस कांड के दौरान उत्तर प्रदेश माहौल बिगाड़ने की साजिश के लिए फंडिंग की बात सामने आने के बाद आने वाले दिनों की चुनौतियां ने सुरक्षा इकाइयों को सक्रिय कर दिया है। विधानसभा उपचुनाव और उसके बाद त्योहारों को देखते हुए सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर रणनीति भी बनने लगी है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 09 Oct 2020 08:13 PM (IST)Updated: Sat, 10 Oct 2020 07:15 AM (IST)
डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने खासकर सोशल मीडिया की निगरानी और बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।

लखनऊ, जेएनएन। हाथरस कांड के दौरान उत्तर प्रदेश माहौल बिगाड़ने की साजिश के लिए फंडिंग की बात सामने आने के बाद आने वाले दिनों की चुनौतियां ने सुरक्षा इकाइयों को सक्रिय कर दिया है। विधानसभा उपचुनाव और उसके बाद त्योहारों को देखते हुए सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर रणनीति भी बनने लगी है। खासकर संवेदनशील जिलों में अतिरिक्त पुलिस और पीएसी तैनात किए जाने की योजना है। डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने खासकर सोशल मीडिया की निगरानी और बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।

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हाथरस कांड के बाद एडीजी राजीव कृष्णा और डीआइजी शलभ माथुर को वहां भेजा गया है। इससे पूर्व भी अयोध्या में श्रीराम मंदिर को लेकर फैसला आने से पूर्व भी शासन ने प्रमुख जिलों में वरिष्ठ अधिकारियों को भेजने का निर्णय लिया था। जातीय और सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के लिए पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) समेत कुछ अन्य संगठनों की भूमिका आने के बाद आइबी से लेकर अन्य खुफिया एजेंसयां को अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। सूत्रों का कहना है कि खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों में त्याहारों से पूर्व असमाजिक तत्वों को सूचीबद्ध कर उनके विरुद्ध निरोधात्मक कार्रवाई बढ़ाए जाने के निर्देश दिए गए हैं।

शासन ने पूर्व में हुई घटनाओं के आधार पर भी अभी से संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर रिपोर्ट मांगी गई है। डीजीपी मुख्यालय ने सभी जिलों में मौजूदा हालात को देखते हुए मिलीजुली आबादी वाले संवेदनशील क्षेत्रों की सूची नए सिरे से बनाए जाने का निर्देश भी दिया है। डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी का कहना है कि सभी जिलों में सुरक्षा-व्यवस्था के लिए विस्तृत निर्देश जल्द जारी किए जाएंगे। संवेदनशील स्थानों का मूल्यांकन कराया जा रहा है।

बता दें कि हाथरस कांड में फंडिंग की जांच में जुटे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी अपनी जांच के कदम बढ़ाए हैं और कई पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) के कई बैंक खातों की छानबीन की है। सूत्रों का कहना है कि दिल्ली ईडी की जांच में पूर्व में पीएफआइ से जुड़े कुछ लोगों के खातों में मोटी रकम जमा होने की जानकारियां सामने आ चुकी हैं। हाथरस कांड में वेबसाइट के जरिये विदेश से फंडिंग के मामले में अब उन खातों का ब्योरा भी नए सिरे से खंगाला जा रहा है। ईडी मथुरा में पकड़े गए पीएफआइ की स्टूडेंट विंग कैंपस फ्रंट आफ इंडिया (सीएफआइ) के कोषाध्यक्ष अतीकुर्ररहमान से खासकर पूछताछ करने की तैयारी में है।


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