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भातखंडे संगीत संस्थान अभिमत विवि का दीक्षा समारोह 10 को, छह स्वर्ण पदक के साथ मनीषा टापर

Bhatkhande Sangeet Sansthan initiation ceremony समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल आनंदीबेन पटेल करेंगी और शास्त्रीय गायक साजन मिश्र विशिष्ट अतिथि होंगे। बुधवार को कुलपति/मंडलायुक्त रंजन कुमार ने दीक्षा समारोह में दी जाने वाली डिग्री एवं पदक संबंधी जानकारी साझा की।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 08 Dec 2021 07:21 PM (IST)Updated: Wed, 08 Dec 2021 07:21 PM (IST)
भातखंडे संगीत संस्थान अभिमत विवि का दीक्षा समारोह 10 को, छह स्वर्ण पदक के साथ मनीषा टापर
कुलपति/मंडलायुक्त रंजन कुमार ने दी दीक्षा समारोह में दी जाने वाली डिग्री एवं पदक की जानकारी।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। भातखंडे संगीत संस्थान अभिमत विश्वविद्यालय का 11वां दीक्षा समारोह शुक्रवार को होगा। समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल आनंदीबेन पटेल करेंगी और शास्त्रीय गायक साजन मिश्र विशिष्ट अतिथि होंगे। बुधवार को कुलपति/मंडलायुक्त रंजन कुमार ने दीक्षा समारोह में दी जाने वाली डिग्री एवं पदक संबंधी जानकारी साझा की। दीक्षा समाराेह में छह स्वर्ण पदक के साथ एमपीए (कथक) की मनीषा विश्वविद्यालय में प्रथम हैं। वहीं, एमपीए (सितार) के कुंवर सत्य प्रताप सिंह तीन गोल्ड व एक सिल्वर मेडल के साथ दूसरे स्थान पर हैं। एक रजत और एक कांस्य पदक के साथ एमपीए (कथक) की विद्यार्थी तनुजा बोरा विश्वविद्यालय में तीसरे स्थान पर रहीं।

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मेधावियों को पदक

  • राय उमानाथ बली स्वर्ण पदक : मनीषा, एमपीए (कथक)।
  • लीला वामन राव सडोलीकर स्वर्ण पदक : मनीषा, एमपीए (कथक)।
  • डा. समर बहादुर सिंह स्वर्ण पदक : मनीषा, एमपीए (कथक)।
  • पं. श्रीकृष्ण नारायण रातंजनकर कांस्य पदक : कुंवर सत्य प्रताप सिंह, एमपीए (सितार)।
  • पं. श्रीकृष्ण नारायण रातंजनकर कांस्य पदक : तनुजा बोरा, एमपीए (कथक)।
  • स्व. पुतलीबाई स्वर्ण पदक : टीएचएम ओशांदि निरमानी, बीपीए (कथक)।
  • पं. श्रीकृष्ण नारायण रातंजनकर एवं इंदिराबाई रातजंनकर स्वर्ण पदक : टीएचएम ओशांदि निरमानी, बीपीए (कथक)।
  • पं. श्रीकृष्ण नारायण रातंजनकर रजत पदक : कनक कुलश्रेष्ठ, बीपीए (कथक)।
  • पं. श्रीकृष्ण नारायण रातंजनकर कांस्य पदक : मालिथी नूवंदरा, बीपीए (सितार)।
  • पं. वामन राव सडोलीकर स्वर्ण पादक : नेहा माथुर, एमपीए (गायन)।
  • शीला सक्सेना स्वर्ण पदक : नेहा माथुर, एमपीए (गायन)।
  • डा. सुरेंद्र कुमार सक्सेना स्वर्ण पदक : नेहा माथुर, एमपीए (गायन)।
  • पं. भातखंडे रजत पदक : सूर्य प्रकाश, एमपीए (गायन)।
  • पं. भातखंडे कांस्य पदक : निकिता सिंह, एमपीए (गायन)।
  • पं. घनानंद प्रकाश स्वर्ण पदक : सोनादरा डब्ल्यू दिनुषा विजयनारायना, बीपीए (गायन)।
  • स्व. शिशिर कुमार शुक्ला स्वर्ण पदक : सोनादरा डब्ल्यू दिनुषा विजयनारायना, बीपीए (गायन)।
  • पं. भातखंडे रजत पदक : ओमिषा सिंह, बीपीए (गायन)।
  • पं. भातखंडे कांस्य पदक : रीता सिंह, बीपीए (गायन)।
  • वीएस निगम स्वर्ण पदक : कुंवर सत्य प्रताप सिंह, एमपीए (सितार)।
  • डा मीता सक्सेना स्वर्ण पदक : तरुण सक्सेना, एमपीए (सितार)।
  • पं. भातखंडे रजत पदक : दीपक शिवहरे, एमपीए (सारंगी)।
  • पं. भातखंडे कांस्य पदक : नादिमपल्ली वकपति राजू, एमपीए (सितार)।
  • मोनिका घोष स्वर्ण पदक : मालिथी नूवंदरा, बीपीए (सितार)।
  • कृष्ण चंद्र पंत स्वर्ण पदक : मालिथी नूवंदरा, बीपीए (सितार)।
  • पं भातखंडे रजत पदक : मनकोट्टा कनकानामालगी हशिनी मनकोट्टी, बीपीए (वायलिन)।
  • पं. सखाराम मृंदगाचार्य स्वर्ण पदक : सूरज मिश्र, एमपीए (तबला)।
  • स्वामी पागल दास मृंदगाचार्य स्वर्ण पदक : सूरज मिश्र, एमपीए (तबला)।
  • पं. भातखंडे रजत पदक : राज किशोर वर्मा, एमपीए (तबला)।
  • पं. भातखंडे कांस्य पदक : राज रानी गौतम, एमपीए (तबला)।
  • पद्म विभूषण पं. किशन महाराज स्वर्ण पदक : काविंदू अभिषेक कौरी, बीपीए (तबला)।
  • पं. सदाशिव राव स्वर्ण पदक : काविंदू अभिषेक कौरी, बीपीए (तबला)।
  • चंटू लाल स्वर्ण पदक : काविंदू अभिषेक कौरी, बीपीए (तबला)।
  • पं. भातखंडे रजत पदक : आशीष मिश्र, बीपीए (तबला)।
  • पं. मोहन राव कल्याणपुरकर स्वर्ण पदक : मनीषा, एमपीए (कथक)।
  • सरोजा वैद्यनाथन् स्वर्ण पदक : मनीषा, एमपीए (कथक)।
  • पं. भातखंडे कांस्य पदक : तनुजा बोरा, एमपीए (कथक)।
  • पं. भातखंडे कांस्य पदक : ज्योति भट्ट, एमपीए (भरतनाट्यम)।
  • पं. शिवदास द्विवेदी स्वर्ण पदक : टीएचएम ओशांदि निरमानी, बीपीए (कथक)।
  • पं. भातखंडे रजत पदक : कनक कुलश्रेष्ठ, बीपीए (कथक)।
  • पं. भातखंडे कांस्य पदक : मलिका नवीन गुप्ता, बीपीए (भरतनाट्यम)।
  • वसंती सुब्रहमणियम स्वर्ण पदक : ज्योति भट्ट, एमपीए (भरतनाट्यम)।
  • के मुत्तुकुमारन् पिल्लै स्वर्ण पदक : ज्याति भट्ट, एमपीए (भरतनाट्यम)।
  • शिवेंद्र नाथ बसु स्वर्ण पदक : कुंवर सत्य प्रताप सिंह, (एमपीए सितार)।
  • ललिता शास्त्री स्वर्ण पदक : मलिका नवीन गुप्ता, बीपीए (भरतनाट्यम)।

डलायुक्त/कुलपति के बेटे के नाम पर पदक : मंडलायुक्त/कुलपति रंजन कुमार ने बेटे के नाम पर युवा आदित्य रंजन स्वर्ण पदक के लिए 51 हजार संस्थान को दिए। पहली बार दिया जा रहा यह पदक विश्वविद्यालय में प्रथम एमपीए (कथक) की छात्रा मनीषा को दिया जाएगा। स्वर्ण पदक के साथ 2100 रुपये की राशि दी जाएगी।

  • इन्हें दी जाएगी पीएचडी

  • सरिता अग्रवाल : गायन विभाग विषय 'जयपुर अतरौली घराने के श्रेष्ठ गायक प. वामनराव सडोलीकर का भारतीय संगीत में योगदान'।
  • आर्का टी चक्रवर्ती : गायन विभाग विषय स्वातंत्रयोत्तर काल में हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत गायन में नारियों का योगदान।
  • अभिनव शर्मा : गायन विभाग विषय ब्रज के प्रमुख भक्ति संप्रदायों पुष्टिमार्गीय एवं हरिदासी की संगीत परंपराओं का विश्लेषणात्मक अध्ययन।

गुरु को सफलता का श्रेय : उत्तराखंड की मूल निवासी मनीषा तिवारी ने आठ साल की उम्र से कथक सीखना शुरू किया। कथक से प्रभाकर करने के बाद बीपीए के लिए 2016 में भातखंडे संगीत संस्थान में प्रवेश लिया। गुरु बीना सिंह से कथक सीखती हैं। मनीषा अपनी सफलता के लिए मातापिता और गुरु को नमन करती हैं। हरदोई के रहने वाले कुंवर सत्य प्रताप सिंह ने 2014 में भातखंडे संगीत संस्थान अभिमत विश्वविद्यालय में गुरु अनुभव सिन्हा के सानिध्य में सितार की तालीम शुरू की। सत्य प्रताप अपनी सफलता का श्रेय गुरु को देते हैं। राेज हरदोई से लखनऊ की यात्रा कर संगीत सीखने वाले कुंवर सत्य प्रताप संगीत विद्यालय खोलना चाहते हैं।


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