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सारंगी वादक विनोद मिश्र को श्रद्धांजलि संग गूंजा मौन आक्रोश, कलाकारों ने परिवार को न्याय दिलाने का लिया निर्णय

लखनऊ में भातखंडे कुलपति पर सारंगी वादक विनोद मिश्र के परिवार ने लगाया प्रताड़ना का आरोप बटलर पार्क में जुटे कलाकार रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचे कोतवाली।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sat, 25 Jan 2020 10:39 AM (IST)Updated: Sat, 25 Jan 2020 10:39 AM (IST)
सारंगी वादक विनोद मिश्र को श्रद्धांजलि संग गूंजा मौन आक्रोश, कलाकारों ने परिवार को न्याय दिलाने का लिया निर्णय
सारंगी वादक विनोद मिश्र को श्रद्धांजलि संग गूंजा मौन आक्रोश, कलाकारों ने परिवार को न्याय दिलाने का लिया निर्णय

लखनऊ, जेएनएन। प्रख्यात सारंगी वादक पं. विनोद मिश्र का बुधवार को निधन हो गया था। साथी कलाकार गुरुवार को जब उनको श्रद्धांजलि देने के लिए जुटे तो आंखों में विनोद के जाने का दुख था तो दिल में उस प्रताडऩा का गुस्सा, जो इस सारंगी वादक को भातखंडे प्रशासन से मिली। साथी कलाकारों ने भातखंडे कुलपति के खिलाफ आरोप लगाते हुए बटलर पार्क में मौन व्रत सत्याग्रह किया। कलाकारों ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत कलाकार को श्रद्धांजलि दी। सभी ने यह फैसला लिया कि जब तक विनोद के परिवार को न्याय नहीं मिल जाता, तब तक कलाकार आवज उठाते रहेंगे। 

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पं. विनोद मिश्र की बेटी प्रीति मिश्रा ने आरोप लगाया है कि उनके पिता को जबरन सेवानिवृत्ति दी गई। साथ ही रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले लाभ भी रोक लिए गए।गुरुवार को हुए मौन सत्याग्रह में मशहूर गायक उस्ताद गुलशन भारती, कथक नृत्यांगना सुरभि सिंह, आलोक श्रीवास्तव, एसके गोपाल, राजेंद्र विश्वकर्मा, सुरेश सिंह, कंवलजीत सिंह व अन्य मौजूद रहे। उस्ताद गुलशन भारती ने कहा कि मेरा और विनोद मिश्र का साथ बचपन का है। मैंने उनके पिता भगवानदास मिश्र और भाई संतोष मिश्र के साथ भी काम किया है। जब मुझे पता चला कि उनको जबरदस्ती रिटायर किया गया तो मुझे बहुत बुरा लगा। इससे पहले भी भातखंडे के शिक्षकों के साथ अन्याय हो चुका है। जो हमारे प्रशासक हैं, उनको संज्ञान लेना होगा। वरना कला और कलाकार दोनों ध्वस्त हो जाएंगे। 

विनोद मिश्र की बेटी प्रीति मिश्रा ने भातखंडे विवि की कुलपति श्रुति सडोलिकर काटकर पर पिता को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। कलाकार कैसरबाग कोतवाली में कुलपति के खिलाफ एफआइआर भी लिखाने गए थे। जहां उनकी एफआइआर नहीं लिखी गई है। वहीं, एसीपी कैसरबाग डॉ. संजीव सिन्हा का कहना है कि यह संस्थान का आंतरिक मामला है। संबंधित विभाग में इसकी शिकायत होनी चाहिए। कुलपति ने बुधवार को ही कहा था कि वो शहर के बाहर हैं, लखनऊ आने पर मामले को देखेंगी।


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