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World Cancer Day 2020: लखनऊ बना कैंसर ट्रीटमेंट का हब, बुंदेलखंड में भी बढ़ें सुविधाएं

उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल पश्चिमांचल मध्य व बुंदेलखंड के हिस्सों में सरकारी व निजी क्षेत्रों में कैंसर के इलाज की व्यवस्था का हुआ आकलन।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Tue, 04 Feb 2020 11:59 AM (IST)Updated: Tue, 04 Feb 2020 11:59 AM (IST)
World Cancer Day 2020: लखनऊ बना कैंसर ट्रीटमेंट का हब, बुंदेलखंड में भी बढ़ें सुविधाएं
World Cancer Day 2020: लखनऊ बना कैंसर ट्रीटमेंट का हब, बुंदेलखंड में भी बढ़ें सुविधाएं

लखनऊ, जेएनएन। देश में कैंसर बढ़ रहा है। यूपी में भी मरीजों की भरमार है। ऐसे में सर्जरी, रेडियोथेरेपी को लेकर वेटिंग है। इस बीच राहत की बात है कि गत दो वर्षों में राजधानी में कैंसर के इलाज से जुड़ी सुविधाओं में इजाफा हुआ। ऐसे मे लखनऊ कैंसर ट्रीटमेंट का हब बनकर उभरा है। दूसरी ओर बुंदेलखंड में सुविधाएं बढ़ाने पर जोर देना होगा। लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के कैंसर विशेषज्ञ डॉ. मधुप रस्तोगी की 'कैंसर ट्रीटमेंट फैसिलिटी इन यूपीÓ पर आई रिपोर्ट ऐसा ही कह रही है।

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इसमें उन्होंने यूपी के पूर्वांचल, पश्चिमांचल, मध्य व बुंदेलखंड के हिस्सों में सरकारी व निजी क्षेत्रों में कैंसर के इलाज की व्यवस्था का आकलन किया। लखनऊ-वाराणसी के आंकड़ें सुखद मिले। ये दोनों शहर कैंसर मरीजों के लिए राहत बनकर उभरे दिख रहे हैं। लखनऊ में जहां 2017-18 में लोहिया में दो, केजीएमयू में एक, पीजीआइ में एक, प्राइवेट में एक लीनेक मशीन थी। वहीं 2019-20 में लोहिया संस्थान में तीन, पीजीआइ में दो, कैंसर संस्थान में एक व प्राइवेट में एक और लीनेक मशीन हो गई। ऐसी ही कानपुर में प्राइवेट में एक, वाराणसी में ट्रस्ट के हॉस्पिटल में तीन मशीनें लीनेक की बढ़ीं। लखनऊ में वर्ष के अंत में तीन मशीनें और बढ़ेंगी।   

राज्य में 220 मशीनों की है आवश्यकता

गत वर्षों में सुविधाओं का ग्राफ बढ़ा है, मगर मानकों के लिहाज से अभी संसाधन बढ़ाने की जरूरत है। डब्लूएचओ के मानकों के अनुसार 10 लाख की आबादी पर एक रेडिएशन की मशीन होनी चाहिए। ऐसे में राज्य की 22 करोड़ से अधिक आबादी के इलाज के लिए 220 कोबाल्ट व लीनियर एक्सीलरेटर मशीनें होनी चाहिए। वहीं, वर्तमान में सिर्फ 47 मशीनें कोबाल्ट एवं लीनियर एक्सीलरेटर हैं। ये मशीनें कैंसर के मरीज में बाहर से रेडिएशन देने में काम आती हैं। वहीं 19 ब्रैकीथेरेपी की मशीनें हैं, मगर इनका प्रयोग काफी कम होता है। 

यहां इतने इलाज के सेंटर

क्षेत्र         सरकारी    प्राइवेट-ट्रस्ट

पश्चिमांचल   3         12

मध्य यूपी      8         3 

पूर्वांचल        4         6

बुंदेलखंड       2         --

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कुल : सरकारी 17 केंद्र, निजी 21

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बुंदेलखंड में रेडियोथेरेपी का संकट 

क्षेत्र    लीनियर एक्सी.     कोबाल्ट

पश्चिमांचल   9             5

मध्य यूपी     11            5

पूर्वांचल        8            8

बुंदेलखंड       0          1

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- लीनियर एक्सी. 28, कोबाल्ट मशीन 19

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