पुराना ई-वेबिल दिखा एक करोड़ से ज्यादा की सुपारी निकाली, लखनऊ में जीएसटी सचल दल ने दो ट्रक दबोचे
बीत चुकी तारीख का ई-वेबिल दिखा जांच टीम को झांसे में लेकर सुपारी पार कराने की कोशिश में जीएसटी की सचल दल इकाई ने दो ट्रक पकड़ लिए। इसकी कीमत सवा करोड़ रुपये से अधिक है। पड़ताल के बाद साढ़े 12 लाख रुपया पेनाल्टी और टैक्स का जमा कराया है।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। बीत चुकी तारीख का ई-वेबिल दिखा जांच टीम को झांसे में लेकर सुपारी पार कराने की कोशिश में जीएसटी की सचल दल इकाई ने दो ट्रक पकड़ लिए। इसकी कीमत करीब सवा करोड़ रुपये से अधिक है। यह सुपारी नादरगंज के पास एक बडे़ पान मसाला फर्म को भेजी जा रही थी कि इससे पहले ही इसे प्रवर्तन टीम ने पकड़ लिया। पड़ताल के बाद करीब साढ़े 12 लाख रुपया पेनाल्टी और टैक्स का जमा कराया गया है। एडिशनल कमिश्नर केके उपाध्याय के निर्देश पर ज्वाइंट कमिश्नर एके सिंह और संजय कुमार की टीम ने सूचना पर अचानक नादरगंज में दो ट्रकों को रोका।
इनके नंबर क्रमश: यूपी78 सीटी-4515 एवं यूपी92 टी-8204 थे। दल के सदस्याें ने गाड़ी के कागजात देखे। ई-वेबिल देखा। प्रथम दृष्टया कागजात पूरे लगे तो जांच कर रही सचल दल इकाई ने ट्रकों को जाने की अनुमति दे दी। इसी दौरान सचल दस्ते के अधिकारियों ने दोनों गाड़ियों के नंबर की तकनीकी जांच की तो संदेह हुआ। सचल दल इकाई ने दोनों ट्रकों को जीएसटी कार्यालय के परिसर ले आई। जब पड़ताल शुरू हुई तो पता चला कि इन ट्रकों की ई-वेबिल की तिथि पहले ही बीत चुकी है। बावजूद इसके तारीख निकल जाने के बाद भी ई-बिल का प्रयोग किया गया। पुराने ई-वेबिल के सहारे करीब सवा करोड़ से अधिक की सुपारी नादरगंज स्थित एक बडे़ पान मसाला ब्रांड की फर्म तक पहुंच गई थी। दोनों ट्रकों पर लगभग 63-63 लाख की सुपारी लदी थी। जांच के बाद राजफास होने पर प्रवर्तन दल ने साढे़ 12 लाख से अधिक की रकम सरकारी खाते में जमा कराई।
जीएसटी चोरी करने वालों कारोबारियों पर निगाह है। सचल दल हो या विशेष अनुसंधान शाखा दोनों की सक्रिय हैं। कर चोरी करने वाली गाड़ियां लगातार पकड़ी जा रही हैं। त्योहारी सीजन पर अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। रेलवे स्टेशन, पार्सलघर समेत कई स्थान नजर में हैं। रेडीमेड गारमेंट्स, सुपारी, पान मसाला, परचून आदि बाहर से आने वाले सभी आइटम की निगरानी की जा रही है। -केके उपाध्याय, एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-1