गोंडा में लेफ्टिनेंट से वैरिफिकेशन के नाम पर बीईओ ने मांगी रिश्वत, जांच कमेटी से रिपोर्ट तलब
बेसिक शिक्षा विभाग में इन दिनों भ्रष्टाचार के मामले में आए दिन खुलासा हो रहा है। सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर चयनित अभ्यर्थी से पहचान के लिए 20 हजार रुपये मांगने के मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं।
गोंडा, जेएनएन। अवैध वसूली के मामले में जिले की एक और बीईओ फंस गई हैं। सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर चयनित अभ्यर्थी से पहचान के लिए 20 हजार रुपये मांगने के मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं। डीएम ने जांच कमेटी से एक सप्ताह में रिपोर्ट तलब की है।
बेसिक शिक्षा विभाग में इन दिनों भ्रष्टाचार के मामले में आए दिन खुलासा हो रहा है। बीते माह गैर जनपद के लिए स्थानांतरित शिक्षकों से कार्यमुक्त करने के लिए वसूली को लेकर एक सूची इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुई थी। मामले में वजीरगंज की बीईओ ममता सिंह को शासन ने निलंबित कर दिया था। इसके बाद मामले में एफआइआर कराई गई। डीएम के निर्देश पर हुई जांच में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. इंद्रजीत प्रजाति भी दोषी पाए गए थे। शासन ने बीएसए को भी बीते सप्ताह निलंबित कर दिया। अब बीएसए का चार्ज सहायक निदेशक बेसिक शिक्षा विनय मोहन वन को सौंपा गया है। मंगलवार को सदर तहसील में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में एक और भ्रष्टाचार का मामला प्रकाश में आ गया। समीर सिंह ने संपूर्ण समाधान दिवस में बताया कि उसका चयन सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर हुआ है। पहचान संबंधी प्रमाण पत्र के लिए मुख्यालय से एक पत्र एसीएमओ व बीईओ पंडरीकृपाल को बीते 14 फरवरी को भेजा गया था।
एसीएमओ ने तो अपनी रिपोर्ट भेज दी लेकिन, बीईओ ने कोई जवाब नहीं दिया। समीर के मुताबिक जब वह बीईओ से जानकारी करने पहुंचते तो पहचान के लिए 20 हजार रुपये की मांग की गई। डीएम मार्कण्डेय शाही ने बीईओ विभा सचान को तलब करके पूछताछ की। बीईओ ने आरोप को गलत बताया। संतोषजनक जवाब न मिलने पर मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। डीआइओएस राकेश कुमार व सीओ सिटी लक्ष्मीकांत गौतम से एक सप्ताह में रिपोर्ट तलब की गई है।