लखनऊ : अवध गल्र्स डिग्री कॉलेज में याद की गईं बेगम हामिदा हबीबुल्लाह
अवध गर्ल्स डिग्री कॉलेज में शनिवार को प्रथम हामिदा हबीबुल्लाह मेमोरियल लेक्चर का आयोजन किया गया। बेगम हामिदा हबीबुल्लाह (1916-2018) स्वतंत्र्योत्तर भारत की प्रगतिशील महिलाओं में से एक हैं। एक समाज सेविका के रूप में लखनऊ शहर में उनकी विशेष पहचान है।
लखनऊ, जेएनएन। अवध गर्ल्स डिग्री कॉलेज में शनिवार को प्रथम हामिदा हबीबुल्लाह मेमोरियल लेक्चर का आयोजन किया गया। बेगम हामिदा हबीबुल्लाह (1916-2018) स्वतंत्र्योत्तर भारत की प्रगतिशील महिलाओं में से एक हैं। एक समाज सेविका के रूप में लखनऊ शहर में उनकी विशेष पहचान है। 1975 में उन्होंने अवध एजुकेशनल सोसायटी की स्थापना कर अवध गर्ल्स डिग्री कॉलेज में सुचारू शिक्षा के प्रबंध की व्यवस्था की।
अवध गर्ल्स डिग्री कॉलेज की भूतपूर्व संरक्षक बेगम हामिदा हबीबुल्लाह की 104 वीं जयंती के अवसर पर जूम पर ऑनलाइन आयोजित इस व्याख्यान में मजदूर किसान शक्ति संगठन की संस्थापक अरुणा रॉय मुख्य अथिति के रूप में उपस्थित थीं। वहीं, गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में वजाहत हबीबुल्लाह मौजूद थे। कार्यक्रम में महाविद्यालय अध्यक्ष जरीन विकाजी के द्वारा स्वागत-भाषण प्रस्तुत किया गया। इसके बाद महाविद्यालय प्राचार्या डॉ उपमा चतुर्वेदी ने सभी सम्मानित अथितियों का स्वागत किया।
लाल बहादुर शास्त्री मेमोरियल अवार्ड सहित अनेक महत्वपूर्ण सम्मानों से अरुणा रॉय ने बेगम हबीबुल्लाह के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए देश के मजदूरों, किसानों एवं निम्नवर्गीय जनता की समस्याओं को उजागर किया। हमारे लोकतांत्रिक देश में आज भी सबको समान रूप से अधिकार प्राप्त नहीं हैं । शिक्षा, रोजगार और भोजन की आवश्यकताए हर भारतवासी की पूरी होनी ही चाहिए। सूचना के अधिकार को जनता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानते हुए वह कहती हैं कि "हम जानेंगे तो जियेंगे" क्योंकि जब जानेंगे तभी तो आगे की लड़ाई लड़कर अपने कानूनी अधिकार प्राप्त कर पाएंगे।