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गैर मुस्लिमों के लिए सहिष्णु बनें : राशिद

मशहूर इस्लामी विद्वान मौलाना नूरूल हसन राशिद ने कहा है कि इस्लाम और आज के मुसलमानों के बीच बड़ा फासला है। इस्लाम एक सूरज की तरह चमकता हुआ दीन है, लेकिन हमने इस्लाम की मूल शिक्षा व भावना को जन-जन तक नहीं पहुंचाया। हमें गैर मुसलमानों के साथ भी प्रेम,

By Ashish MishraEdited By: Published: Thu, 26 Nov 2015 07:53 PM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2015 07:57 PM (IST)
गैर मुस्लिमों के लिए सहिष्णु बनें : राशिद

लखनऊ। मशहूर इस्लामी विद्वान मौलाना नूरूल हसन राशिद ने कहा है कि इस्लाम और आज के मुसलमानों के बीच बड़ा फासला है। इस्लाम एक सूरज की तरह चमकता हुआ दीन है, लेकिन हमने इस्लाम की मूल शिक्षा व भावना को जन-जन तक नहीं पहुंचाया। हमें गैर मुसलमानों के साथ भी प्रेम, मोहब्बत, भाईचारा व सहिष्णुता का बर्ताव करना चाहिए।

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अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के दीनियात विभाग में 'मुस्लिम और गैर मुस्लिम संबंध : कुरान की रोशनी में' विषय पर व्याख्यान में मौलाना ने कहा कि राजनीति शतरंज का खेल है, जिसमें कभी कोई जीतता है तो कोई हारता है। मुसलमान के तौर पर हमारा यही लक्ष्य होना चाहिये कि हम मानवता की सेवा करें। हमें हिंदू धर्म को भी समझना चाहिए और किसी भी धर्म या संप्रदाय की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहिए। कहा कि उर्दू भाषा में हिंदू धर्म पर अच्छा खासा साहित्य मौजूद है। एएमयू को विभिन्न धर्मों के बीच संवाद बढ़ाने के लिये आगे आना चाहिए। इससे पूर्व सुन्नी दीनियात विभाग के अध्यक्ष प्रो. सऊद आलम कासिमी ने कहा कि दीन इंसानी रिश्तों में नजदीकियां पैदा कर रिश्तों को सुदृढ़ बनाने पर बल देता है। देश की एकता व अखंडता के लिये सभी भारतीयों को मिलजुल कर काम करना चाहिए।


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