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यूपी के इन गांवों में बहू-बेटियां बन रहीं 'पथ प्रदर्शक', अनूठी पहल से चर्चा में आईं बीडीओ रचना गुप्ता

हरदोई के हरियावां व बावन ब्लाक में बीडीओ की सराहनीय पहल शिक्षित बहू-बेटियों के नाम से क‍िया मार्गों का नामकरण। खंड विकास अधिकारी ने मार्गों का नामकरण उन बहू बेटियों के नाम पर किया गया है जो गांव का नाम रोशन कर रही हैं।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sun, 15 May 2022 04:17 PM (IST)Updated: Mon, 16 May 2022 10:42 AM (IST)
यूपी के इन गांवों में बहू-बेटियां बन रहीं 'पथ प्रदर्शक', अनूठी पहल से चर्चा में आईं बीडीओ रचना गुप्ता
बीडीओ रचना गुप्ता ने बताया कि उनका यह प्रयोग नारी सशक्तीकरण को और मजबूत करने का प्रयास है।

हरदोई, [आशीष त्रिवेदी]।  महापुरुषों और राजनेताओं के नाम पर मार्गों और चौराहों का नामकरण तो आम बात है लेकिन हरदोई में एक खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) की अनूठी पहल वाकई सराहनीय है। यहां पर दो ब्लाक की ग्राम पंचायतों के पचास से अधिक मार्गों का नामकरण उन बहू बेटियों के नाम पर किया गया है जो गांव का नाम रोशन कर रही हैं। हरियावां व बावन ब्लाक में तैनात खंड विकास अधिकारी रचना गुप्ता के अभिनव प्रयोग की सरकारी महकमे में भी काफी सराहना हो रही है।

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उन्होंने 'गांव की गरिमा' नाम से एक अनूठी पहल की है। गांव की बहन, बेटी या बहू अगर शिक्षित होकर एक मुकाम पर पहुंच चुकी है या सरकारी सेवा में है तो उसके नाम से गांव के मार्ग का नाम घोषित किया जा रहा है। गांवों में मार्गों पर ऐसी बहन, बेटियों और बहू के नाम से बोर्ड लगवाए जा रहे हैं। जिले के हरियावां ब्लाक की 19 ग्राम पंचायतों में महिला अधिकारियों व कर्मियों के नाम से बोर्ड लगाए गए हैं, जबकि बावन ब्लाक की 38 ग्राम पंचायतों में महिला अधिकारियों के नाम से मुख्य मार्ग का नामकरण किया गया। समाज को भी बेटी बचाओ व बेटी पढ़ाओ अभियान के प्रति जागरूक किया जा रहा है। बीडीओ की इस अनूठी पहल की समूचे जनपद में सराहना की जाने लगी है।

नारी का जहां आदर, वहां होती ईश्वरीय कृपा: बीडीओ रचना गुप्ता ने बताया कि उन्होंने प्रशासन को यह प्रयोग करके दिखाया, जिसमें महिलाओं के सम्मान के साथ ही नारी सशक्तीकरण को और मजबूत करने का प्रयास है। इससे नारियों को सम्मान मिल रहा है और अभिभावक अपनी बेटियों को शिक्षा देने के लिए प्रेरित भी हो रहे हैं। बेटियों के अंदर भी इन साइन बोर्ड को देखकर कुछ कर गुजरने का जज्बा बढ़ेगा।

ग्राम पंचायतों में पास कराया जाता प्रस्ताव : गांव की बेटी या बहू अध्यापिका हो या फिर डाक्टर अथवा अन्य किसी पद या आत्मनिर्भरता का स्थान प्राप्त कर लिया हो तो उसके नाम से पहले ग्राम पंचायतों की बैठक में प्रस्ताव तैयार करवाया जाता है और उन प्रस्तावों पर प्रमुख मार्गों का नाम रखा जाता है। इस प्रस्ताव को पारित कर संबंधित गांव के मुख्य मार्ग पर बोर्ड में अंकित करवाकर लगवाया जाता है।

बोर्ड पर अपना नाम देखकर मुदित हैं महिलाएं : कई महिलाएं तो दूसरे जिलों में नौकरी कर रही हैं लेकिन गांव आने पर जब उनको अपना नाम बोर्ड पर दिख रहा है तो उनको गर्व की अनूभूति होती है। सहायक अध्यापिका नम्रता ने कहा कि अच्छा लगता है, जब लोग आपकी मेहनत को सराहते हैं। गांव की बच्चियों को जीवन में कुछ अच्छा करने की प्रेरणा मिले तो यह बढिय़ा बात है।

पूरे जनपद में लागू होगा यह अभिनव प्रयोग : मुख्‍य विकास अधिकारी (सीडीओ) आकांक्षा राना ने बताया कि उन्होंने सभी बीडीओ को कुछ खास करने को कहा है। बीडीओ रचना गुप्ता का यह प्रयास सराहनीय है। इसे माडल के तौर पर लिया गया है। पूरे जनपद में इसे लागू किया जाएगा।


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