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UP: ऑनलाइन परीक्षा के बाद तैनात होंगी बीसी सखी, बड़ी संख्या में महिलाओं को मिलेगा रोजगार

ग्रामीण क्षेत्रों में बैंक संबंधी गतिविधियों में लोगों की मदद के बहाने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने महिला-युवतियों के लिए रोजगार के नए अवसर तलाशे हैं। बीसी सखी के रूप में इन्हें तैनाती दी जानी है। पहले चरण में 56875 अभ्यर्थियों को चिह्नित किया गया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 09 Dec 2020 12:07 AM (IST)Updated: Wed, 09 Dec 2020 06:30 AM (IST)
UP: ऑनलाइन परीक्षा के बाद तैनात होंगी बीसी सखी, बड़ी संख्या में महिलाओं को मिलेगा रोजगार
ग्रामीण क्षेत्रों में बैंक संबंधी गतिविधियों में मदद के बहाने सरकार ने महिला-युवतियों के लिए रोजगार के अवसर तलाशे हैं।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। ग्रामीण क्षेत्रों में बैंक संबंधी गतिविधियों में लोगों की मदद के बहाने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने महिला-युवतियों के लिए रोजगार के नए अवसर तलाशे हैं। बिजनेस करस्पांडेंट (बीसी) सखी के रूप में इन्हें तैनाती दी जानी है। पहले चरण में 56,875 अभ्यर्थियों को चिह्नित किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने हुए प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि 15 दिसंबर से प्रशिक्षण शुरू हो रहा है। ऑनलाइन परीक्षा और पुलिस सत्यापन के बाद कार्यस्थल पर तैनाती दी जाएगी।

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मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर मंगलवार को ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज विभाग ने प्रस्तुतीकरण किया। प्रस्तुतीकरण देखने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बीसी सखी के रूप में चयनित सभी अभ्यर्थियों को प्रशिक्षित कर उन्हें कार्य स्थल पर तैनात करने की कार्रवाई तेजी से की जाए। बीसी सखी के जरिए ग्रामीण क्षेत्र में बैंकिंग सुविधाओं की उपलब्धता से ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। बड़े पैमाने पर महिलाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। इससे महिला सशक्तीकरण की दिशा में राज्य सरकार के निरंतर प्रयासों को नए आयाम मिलेंगे।

विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि सीएम योगी को बताया कि बीसी सखी के चयन में स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष, समूह सखी, स्वयं सहायता समूह की सदस्य-पदाधिकारी को वरीयता दी गई। पहले चरण में 56,875 आवेदक शॉर्टलिस्ट किए गए हैं।

अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक अभ्यर्थी को शॉर्टलिस्ट किया गया है, जिन्हें पहले प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद सर्टिफिकेशन के लिए आइआइबीएफ द्वारा ऑनलाइन परीक्षा कराई जाएगी। परीक्षा उत्तीर्ण न कर पाने की स्थिति में वेटिंग लिस्ट की अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण पर भेजा जाएगा। सर्टिफिकेशन के बाद पुलिस वैरिफिकेशन भी कराया जाएगा।

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि चयनित बीसी सखी को डेस्कटॉप कंप्यूटर, लैपटॉप, पॉश मशीन, कार्ड रीडर, फिंगर प्रिंट रीडर आदि के लिए 50 हजार रुपये दिए जाएंगे। इनकी खरीद बीसी सखी को करनी होगी। यह पैसा स्वयं सहायता समूह द्वारा ब्याज रहित ऋण के रूप में दिया जाएगा। बीसी सखी को छह माह तक चार हजार रुपये प्रति माह स्टाइपेंड मिलेगा। इनकी यूनिफॉर्म के निर्धारण के संबंध में निफ्ट, रायबरेली द्वारा भी एक प्रस्तुतीकरण किया गया।


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