Mukhtar Ansari Ambulance Case: एंबुलेंस प्रकरण में शाहिद अंडर ग्राउंड, पुलिस दे रही दबिश
मुख्तार अंसारी प्रकरण में बाराबंकी पुलिस ने लखनऊ में शाहिद के तीन ठिकानों पर छापेमारी की पर उसका सुराग नहीं लगा। पुलिस की दबिश के दौरान शाहिद के करीबी भी फरार हो गए। पुलिस और सर्विलांस टीम को शाहिद के बारे में अहम सुराग मिले हैं।
लखनऊ जागरण संवाददाता। बाहुबली मुख्तार अंसारी के चालक सलीम औैर विधायक प्रतिनिधि शोएब की गिरफ्तारी के बाद शाहिद अंडर ग्राउंड हो गया। शुक्रवार को भी बाराबंकी पुलिस ने लखनऊ में शाहिद के तीन ठिकानों पर छापेमारी की पर उसका सुराग नहीं लगा। पुलिस की दबिश के दौरान शाहिद के करीबी भी फरार हो गए।
पुलिस और सर्विलांस टीम को शाहिद के बारे में अहम सुराग मिले हैं। मोबाइल ब्योरे के आधार पर पुलिस की पड़ताल में पता चला है कि वह अपने करीबियों के संपर्क में है। उसके करीबी भी मुख्तार से किसी न किसी माध्यम से जुड़े हैं। शाहिद, मुख्तार और उनके करीबियों के लिए गाडिय़ों की व्यवस्था लखनऊ से करता था। बाराबंकी शहर कोतवाली के इंस्पेक्टर पंकज सिंह ने बताया कि शाहिद ने कई गाडिय़ां भी मुख्तार के लिए फर्जी दस्तावेज के आधार पर फाइनेंस करा रखी थीं। उनकी भी पड़ताल की जा रही है।
एंबुलेंस प्रकरण में शाहिद, सलीम और शोएब की मदद करने वाले अन्य लोगों की तलाश में भी पुलिस की टीमें दबिश दे ही हैं। काल डिटेल्स और सलीम व शोएब से पूछताछ में पुलिस को शाहिद और उसके गिरोह के बारे में कई अहम सुराग मिले हैं।
बता दें कि वर्ष 2013 में बाराबंकी एआरटीओ में जाली दस्तावेजों के आधार पर मऊ के एक हास्पिटल के नाम से फर्जी पते पर एंबुलेंस पंजीकृत कराई गई थी। इसका राजफाश होने पर दो अप्रैल को हास्पिटल की संचालिका डा. अलका राय पर मुकदमा कराया था। अलका के बयान के आधार पुलिस ने इसमें मुख्तार अंसारी, उसके विधायक प्रतिनिधि मो. शोएब मुजाहिद, करीबी मो. जाफरी उर्फ शाहिद सहित छह लोगों को आरोपित बनाया गया। अलका राय, शेषनाथ राय, आनंद और राजनाथ यादव को पुलिस ने जेल भेजा, लेकिन मुजाहिद और शाहिद का पता नहीं लगाया जा सका था। मुकदमे में गाजीपुर के रहने वाले एंबुलेंस चालक सलीम, सुरेंद्र शर्मा और अफरोज खान को भी शामिल किया गया था।