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बलरामपुर फिरोज हत्याकांड : आरोपित पूर्व सांसद की बेटी जेबा रिजवान को रहना होगा जेल में, नहीं म‍िली जमानत

Balrampur Firoz murder case भाई अफरोज ने थाना तुलसीपुर में प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि उनके भाई शाहिद प्रधान के साथ घर वापस आ रहे थे। घर के मोड़ पर पीछे से एक व्यक्ति ने पहले लोहे की राड से मार कर घायल कर दिया था।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Tue, 25 Jan 2022 05:49 PM (IST)Updated: Tue, 25 Jan 2022 05:49 PM (IST)
बलरामपुर फिरोज हत्याकांड : आरोपित पूर्व सांसद की बेटी जेबा रिजवान को रहना होगा जेल में, नहीं म‍िली जमानत
बलरामपुर में चार जनवरी को हुई थी पूर्व चेयरमैन की हत्या, पूर्व सपा सांसद समेत छह आरोपित जेल में।

बलरामपुर, संवादसूत्र। तुलसीपुर नगर पंचायत के पूर्व चेयरमैन फिरोज पप्पू की हत्या में आरोपित पूर्व सपा सांसद की बेटी जेबा रिजवान की जमानत जनपद न्यायाधीश नरेंद्र बहादुर यादव ने निरस्त कर दिया है। सपा नेता जेबा रिजवान अपने पति रमीज नेमत, पिता पूर्व सांसद रिजवान जहीर व तीन अन्य आरोपितों के साथ जिला कारागार में निरुद्ध हैं। बचाव पक्ष की तरफ से जेबा रिजवान की जमानत अर्जी मंगलवार को प्रस्तुत की गई थी।

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जिला शासकीय अधिवक्ता कुलदीप सिंह ने बताया कि चार जनवरी को नगर पंचायत तुलसीपुर के पूर्व अध्यक्ष फिरोज पप्पू की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी।

मृतक पूर्व चेयरमैन के भाई अफरोज ने थाना तुलसीपुर में प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि उनके भाई शाहिद प्रधान के साथ घर वापस आ रहे थे। घर के मोड़ पर पीछे से एक व्यक्ति ने पहले लोहे की राड से मार कर घायल कर दिया। दूसरे व्यक्ति ने धारदार हथियार से उनका गला रेत कर मार डाला। दोनों व्यक्तियों को भागते हुए शाहिद प्रधान ने देखा है। पूर्व अध्यक्ष की हत्या किसी के द्वारा सुनियोजित ढंग से कराई गई है। थाना तुलसीपुर की पुलिस ने अज्ञात के विरुद्ध हत्या की प्राथमिकी दर्ज कर विवेचना शुरू की। विवेचना के दौरान हत्या करवाने के आरोप में पूर्व सांसद रिजवान जहीर, उनकी पुत्री जेबा रिजवान व दामाद रमीज नेमत समेत छह लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया।

बचाव पक्ष से कहा गया कि आरोपित की उक्त घटना में कोई भूमिका नहीं है और न ही उसके विरुद्ध कोई ऐसा साक्ष्य है। कोई आपराधिक इतिहास भी नहीं है। मात्र राजनीतिक करियर खत्म करने के लिए झूठी नामजदगी की गई है। सरकारी वकील ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि घटना कारित करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य है। आला कत्ल भी बरामद हुआ है। जनपद न्यायाधीश ने दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद मामला गंभीर मानते हुए जमानत प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया है।


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