Balia Murder Case: पुलिस की गिरफ्त से बाहर चल रहे मुख्य आरोपित धीरेंद्र ने जारी किया वीडियो संदेश
Balia Murder Case धीरेंद्र प्रताप सिंह ने इस पूरे मामले के लिए उसने एसडीएम क्षेत्राधिकारी (सीओ) और खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) को दोषी ठहराया है। उसने वीडियो में सीएम योगी आदित्यनाथ से इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने की अपील की है।
लखनऊ, जेएनएन। बलिया के रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर गांव में गुरुवार को कोटे की दुकान आवंटन को लेकर हुई बैठक में विवाद के बाद फायरिंग में मुख्य आरोपित धीरेंद्र प्रताप सिंह भले ही पुलिस को नहीं मिल रहा है, लेकिन उसने वीडियो संदेश जारी कर खुद को निर्दोष बताने के साथ कहा है कि उसने गोली-वोली नहीं चलाई है। बलिया गोलीकांड में फरार चल रहे धीरेंद्र सिंह का वीडियो सामने आया। यह सोशल मीडिया में वायरल है। करीब नौ मिनट के इस वीडियो में धीरेंद्र प्रताप सिंह ने खुद को बेगुनाह बताया है।
जयप्रकाश उर्फ गामा की मौत के मामले में मुख्य आरोपित सेना से सेवानिवृत्त धीरेंद्र प्रताप सिंह पर पुलिस ने 50 हजार का इनाम रखने के साथ ही उसको भगोड़ा घोषित किया है। वहां पर उसने बड़ी संख्या में मौजूद पुलिस के सामने ही ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। जिससे मौके पर ही जयप्रकाश उर्फ गामा पाल की मौत हो गई थी। धीरेंद्र प्रताप सिंह ने इस पूरे मामले के लिए उसने एसडीएम, क्षेत्राधिकारी (सीओ) और खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) को दोषी ठहराया है। उसने वीडियो में सीएम योगी आदित्यनाथ से इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने की अपील की है।
नौ मिनट का वीडियो संदेश
बलिया में कोटे की दुकान आवंटन को लेकर गुरुवार को दो पक्षों में खूनी संघर्ष हुआ था। इसमें आरोप है कि भाजपा नेता धीरेंद्र प्रताप सिंह उर्फ डबलू ने सीओ और एसडीएम की मौजूदगी में जयप्रकाश पाल नाम के शख्स की गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद से फरार चल रहे धीरेंद्र प्रताप सिंह ने नौ मिनट का वीडियो संदेश जारी किया है। धीरेंद्र ने कहा है कि उसने गोली नहीं चलाई। धीरेंद्र ने आरोप लगाया है कि मौके पर मौजूद अधिकारी अगर न्याय संगत निर्णय लेते तो माहौल इस कदर नहीं बिगड़ता। उसने जयप्रकाश पाल को गोली मारने के आरोप से इनकार करते हुए कहा कि मुझे नहीं मालूम कि वहां किसकी चलाई गोली से जयप्रकाश की मौत हुई। वीडियो में उसने अपने ऊपर साजिश कर फंसाए जाने का आरोप लगाया है।
जाहिर की थी बवाल होने की आशंका
धीरेंद्र कह रहा है कि उसने अफसरों से बवाल होने की आशंका जाहिर की थी। उसका दावा है कि कई बार पत्रक देकर वहां के अधिकारियों को कोटे के आवंटन से जुड़ी समस्या से भी अवगत करवाया था, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। उसने एसडीएम, बीडीओ, और सीओ पर रिश्वत लेकर ग्राम प्रधान का पक्ष लेने का आरोप लगाया है। धीरेंद्र ने वीडियो में कहा पंचायत भवन के पास खेत की जुताई कराकर जानबूझकर उस स्थान पर बैठक कराई गई, जहां पाल, गोंड और पासवान जाति के लोगों का घर है। यह दूसरे पक्ष के पैरोकार हैं। उसने आरोप लगाया है कि एसडीएम पाल बिरादरी के हैं और दूसरे पक्ष के पैरोकार भी उसी बिरादरी से हैं।
वीडियो धीरेंद्र में कह रहा है कि जब मारपीट और पथराव शुरू हुआ तो वह एसडीएम और सीओ के बगल में ही खड़ा था। उसने अधिकारियों से मामले को नियंत्रित करने की बात कही, लेकिन उसकी बात अनसुनी कर दी गई। धीरेंद्र ने कहा कि वह रिटायर्ड सैनिक है। 18 वर्ष तक भारतीय सेना में रहा है। वीडियो में धीरेंद्र ने भाजपा के फ्रंटल संगठन सैनिक प्रकोष्ठ से जुड़े होने की बात भी कही है।
सीओ की गिरफ्त से हाथ छुड़ाकर भाग निकला
उसने कहा कि वहां जब पुलिस मुझे घेरकर पीटने लगी तो सीओ की गिरफ्त से हाथ छुड़ाकर भाग निकला। धीरेंद्र ने अपनी हत्या की साजिश रचे जाने की बात कही है। धीरेंद्र का कहना है कि उसके कुनबे के लोगों को मारा-पीटा गया, जिसमें एक जख्मी की इलाज के दौरान मौत हो गई।
परिवार की महिलाओं के साथ बदसलूकी
धीरेंद्र ने पुलिस पर अपने घर में खड़ी गाड़ियो और समान की तोड़फोड़ का आरोप लगाया है। उसका कहना है कि इस दौरान परिवार की महिलाओं के साथ बदसलूकी की गई। धीरेंद्र का कहना है कि उसने मृतक के परिवार के सदस्य आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं। उसने यह भी कहा पुलिस प्रशासन उसके परिवार के लोगों का उत्पीड़न कर रहा है। धीरेंद्र का आरोप है कि एक परिजन की मौत के बावजूद जिला और पुलिस प्रशासन की तरफ से मुकदमा दर्ज नहीं किया जा रहा है।
मुख्य आरोपित के दो भाई गिरफ्तार
दुर्जनपुर गांव के गोलीकांड में पुलिस ने मुख्य आरोपित धीरेंद्र प्रताप सिंह के दो भाइयों देवेंद्र प्रताप सिंह और नरेंद्र प्रताप सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। आजमगढ़ रेंज के डीआइजी ने फरार अन्य छह आरोपितों पर पचास-पचास हजार का इनाम और गैंगस्टर एक्ट लगाने की घोषणा की। एडीजी वाराणसी जोन बृजभूषण ने कहा कि कार्रवाई ऐसी होगी कि भविष्य में इस तरह का कोई दुस्साहस न कर सके। मंडलायुक्त आजमगढ़ विजय विश्वास पंत व डीआइजी सुभाष चंद्र दुबे ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया। देर रात पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मृतक जयप्रकाश के परिजन से फोन पर बातचीत की और ढांढस बंधाया। वहीं, फायरिंग में मारे गए जयप्रकाश के परिवार वालों ने अधिकारियों से पुलिस पर आरोपित धीरेंद्र प्रताप सिंह को पकड़कर छोड़ने का आरोप लगाया है। मुख्य आरोपित के बचाव में उतरे विधायक
दुर्जनपुर गोलीकांड में बैरिया से भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह का बड़ा बयान आया है। विधायक ने एक वीडियो जारी कर मुख्य आरोपित धीरेंद्र प्रताप सिंह का बचाव करते कहा कि उसने आत्मरक्षा में गोली चलाई है। हालांकि, उन्होंने इसको न्यायोचित भी नहीं माना है। उन्होंने कहा कि अगर धीरेंद्र ने गोली नहीं चलाई होती तो वहां उसको व उनके परिवार के सदस्यों को मार डाला जाता।