विजयादशमी के पर्व पर बजरंग दल और हिंदू जागरण मंच ने धर्म की रक्षा के लिए किया शस्त्र पूजन
विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल हिंदू जागरण मंच समेत तमाम संगठनों ने मंगलवार को प्रदेश भर में शस्त्र पूजन किया।
लखनऊ, जेएनएन। विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, हिंदू जागरण मंच समेत तमाम संगठनों ने मंगलवार को प्रदेश भर में शस्त्र पूजन किया। आरएसएस के अनुषंगिक संगठनों द्वारा दशहरा पर प्रतिवर्ष यह आयोजन होता है। मंगलवार को प्रदेश भर में विधिवत शस्त्र पूजन किया गया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उसके सभी अनुषंगिक संगठनों द्वारा विजयादशमी के पर्व पर शस्त्र पूजन का आयोजन किया जाता है। इस दौरान विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल का त्रिशूल दीक्षा अभियान भी चल रहा है।
आरएसएस के संस्थापक सर संघचालक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने संघ के शुभारंभ के लिए विजयादशमी का ही दिन चुना था। हिंदू समाज के असंगठित जीवन को नई दिशा देने की यह उनकी पहल थी। अब हर वर्ष विजयादशमी के पर्व पर संघ की सभी शाखाओं में शस्त्र पूजन का कार्यक्रम होता है। इस बार तैयारी कुछ खास है। विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, हिंदू जागरण मंच, धर्मरक्षा समेत तमाम संगठनों ने छोटे-बड़े आयोजन किये हैं। इसके पहले विश्व हिंदू परिषद के प्रांत संगठन मंत्री भोलेंद्र सिंह की अगुवाई में त्रिशूल दीक्षा का कार्यक्रम चल रहा है। बजरंग दल के नये सदस्यों को त्रिशूल देकर उन्हें शस्त्र का महत्व बताया जा रहा है। 16 अक्टूबर तक करीब 25 हजार युवाओं को त्रिशूल दीक्षा से दक्ष किया जाना है।
हिंदू जागरण मंच के अध्यक्ष अमृतेश कुमार मृत्युंजय कहते हैं कि शास्त्र और शस्त्र दोनों हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। जिस प्रकार से शास्त्र द्वारा हमे सामाजिक और व्यवहारिक जीवन में अनुकूलता प्राप्त होती है, उसी प्रकार शस्त्र द्वारा हमें सामाजिक जीवन में सुरक्षा मिलती है। हमारे सभी देवी-देवता स्वयं शास्त्र के साथ शस्त्र भी धारण किये रहते हैं। शस्त्रों का पूजन इस विश्वास केसाथ किया जाता है कि यह प्राणों की रक्षा करते हैं और अन्याय का उन्मूलन करते हैं। विजयादशमी के पर्व पर शस्त्र पूजन का विशेष महत्व है। देश, कानून, पुलिस, सेना या न्य किसी कार्य में शस्त्रों का प्रयोग करने वालों के लिए यह खास है।
विहिप, बजरंग दल, हिंदू जागरण मंच, धर्मरक्षा समेत तमाम संगठनों ने प्रदेश भर में उत्साह के साथ शस्त्र पूजन का आयोजन किया और जगह-जगह शोभा यात्रा निकाली। विश्व हिंदू परिषद के प्रांत संगठन मंत्री भोलेंद्र सिंह का कहना है कि शस्त्र और शास्त्र दोनों का महत्वपूर्ण स्थान है। यह हमारी पुरानी परंपरा भी है, लेकिन लोग इससे विरत हो रहे हैं। अपनी संस्कृति की रक्षा के लिए यह जरूरी है, इसलिए पूरे प्रदेश में यह आयोजन किया गया। धर्म की रक्षा और विधर्मियों को सबक देने के लिए यह प्रतीकात्मक पर्व मनाया गया।