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बाहुबली MLA मुख्‍तार के करीबी की करोड़ों की दुकानों पर फ‍िर चला हथौड़ा, चौथी मंजिल 80 फीसद टूटी

लखनऊ में बाहुबली विधायक मुख्‍तार अंसारी के करीबी बिल्डर शाहिद ने रानी सल्तनत प्लाजा की चौथी मंजिल पर बनवाई थी करोड़ों की दुकानें। चिकन कपड़ों के थे शोरूम। शोरूम संचालकों में लखनऊ विकास प्राधिकरण की दहशत भी दिखी।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sun, 07 Mar 2021 05:47 PM (IST)Updated: Sun, 07 Mar 2021 05:47 PM (IST)
बाहुबली MLA मुख्‍तार के करीबी की करोड़ों की दुकानों पर फ‍िर चला हथौड़ा, चौथी मंजिल 80 फीसद टूटी
लखनऊ में मुख्‍तार अंसारी के करीबी है बिल्डर शाहिद। रानी सल्तनत प्लाजा की चौथी मंजिल पर बनवाई थी दुकानें।

लखनऊ, जेएनएन। बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के करीबी बिल्डर की हजरतगंज में स्थित शापिंग प्लाजा की करोड़ों की दुकानों को तोड़ने का काम रविवार को भी चालू रहा। डेढ़ दर्जन मजदूरों की टीम ने छत का अस्सी फीसद हिस्सा ड्रिल मशीनों से पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया। वहीं, चौथे तल पर बनी नौ दुकाने पहले ही गिराई जा चुकी थी। जो हिस्सा बचा था आज सबसे पहले उन्हें गिराया गया था। करीब दो सौ वर्ग फीट की एक दुकान, जिसकी कीमत एक करोड़ के आसपास थी। उन्हें ध्वस्त कर दिया गया। चौथे तल पर चले रहे हथौडों व ड्रिल मशीनों से पूरी बिल्डिंग कंपन्न करती रही। वहीं अन्य तल पर शोरूम संचालकों में लखनऊ विकास प्राधिकरण की दहशत भी दिखी। उधर, चौथे तल के ऊपर बने किचन को भी गिरा दिया गया। 

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दरअसल, साहू सिनेमा के ठीक बगल में बिल्डर शाहिद ने रानी सल्तनत प्लाजा बनवाया था। वर्ष 2005 में तीन मंजिल नक्शा पास था, लेकिन बाद में पाकिंग के स्थान में भी दुकाने बना ली गई। अब यहां शोरूम संचालन करने वालों में डर है कि उनके शोरूम का नंबर कही न आज जाए। इस अपार्टमेंट में लगभग सभी दुकाने बिक चुकी है। चौथे तल पर विदेशी मुद्रा बदलने,  घड़ी, चिकन कपड़ों के शोरूम थे, जिन लोगों की दुकानें थी अब वह स्वयं को पूरी तरह बरबाद होने का दावा कर रहे हैं। क्योंकि बिल्डर से दुकानें खरीद चुके थे। अभियंताओं ने बताया कि जब तक चौथी मंजिल पूरी तरह ध्वस्त नहीं कर दी जाएगी तब तक यह कार्रवाई चला करेगी।ऐसे में प्रयास किया जा रहा है कि सोमवार को भी बचे हुए हिस्से को भी गिरा दिया जाएगा। वहीं डीएम एवं लविप्रा उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने अपील की है कि  अगर कोई भी दुकान व मकान  खरीदें  तो लविप्रा से मानचित्र पास है या नहीं उसकी तहकीकात जरूर कर लें। क्योंकि गलत काम पर कार्रवाई कभी भी हो सकती है।

बिल्डिंग तोड़ने में जो खर्च हुआ, बिल्डर से वसूलेंगे: बिल्डिंग तोड़ने में करीब तीन लाख रुपये के आसपास खर्च हुआ। यह रकम बिल्डर से वसूली जाएगी। बिना मानचित्र पास बनाई गई बिल्डिंग को तोड़ने में ड्रिल मशीन करने वाले आठ मजदूर और आठ मजदूर हथौड़ा चलाने वाले लगाए थे। इसके अलावा संयुक्त सचिव, तहसीलदार, अधिशासी अभियंता, सहायक व अवर अभियंता और सुपरवाइजर सहित पूरा अमला लगा रहा। इनका भी वेतन जोड़कर यह रकम का आंकलन किया जाएगा। इसके अलावा 63 केवीए के जनरेटर का किराया भी वसूला जाएगा। 


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