Move to Jagran APP

अंतरराष्ट्रीय फलक पर चमक रहे बीबीडी अकादमी के सितारे

2009 में सैयद मोदी इंटरनेशल बैडमिंटन चैंपियनशिप के सफल आयोजन के बाद निरंतर लगता रहा है राष्ट्रीय स्तर का बैडमिंटन कैंप, मनु अत्री के अलावा अमोलिका सिंह भी कर रहीं हैं शानदार प्रदर्शन।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Fri, 21 Sep 2018 03:09 PM (IST)Updated: Fri, 21 Sep 2018 05:26 PM (IST)
अंतरराष्ट्रीय फलक पर चमक रहे बीबीडी अकादमी के सितारे
अंतरराष्ट्रीय फलक पर चमक रहे बीबीडी अकादमी के सितारे

लखनऊ [विकास मिश्र]। गोमती नगर स्थित बाबू बनारसी दास उत्तर प्रदेश बैडमिंटन अकादमी से निकले कई शटलरों ने राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी चमक बिखेरी है। लखनऊ में जब भी खेलों की बात होती है तो गोमती नगर स्थित बीबीडी बैडमिंटन अकादमी का नाम सबसे ऊपर आता है। इतना ही नहीं अकादमी की शानदार सुविधाओं को देखकर भारतीय बैडमिंटन संघ यहां पर सैयद मोदी के आलावा प्रीमियर बैडमिंटन लीग जैसे बड़े अंतरराष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंट आयोजित करता है।

loksabha election banner

बीबीडी अकादमी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान तब मिली जब यहां पहली बार वर्ष 2009 में सैयद मोदी इंटरनेशल बैडमिंटन चैंपियनशिप का सफल आयोजन हुआ। इसके बाद से लखनऊ में बैडमिंटन की तस्वीर बदलने लगी। इस टूर्नामेंट में सायना नेहवाल समेत विश्व की कई वरीय खिलाडिय़ों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जिसके बाद ट्रेनिंग लेने वाले खिलाडिय़ों की संख्या में बहुत तेजी से बढ़त हुई। तौफीक हिदायत जैसे बड़े खिलाड़ी इस अकादमी के कायल हैं।

2011 में एशियन जूनियर इंटरनेशल बैडमिंटन चैम्पियनशिप का आयोजन बैडमिंटन अकादमी में किया गया। साल 2009 से 2015 तक यहां पर लगातार जूनियर एशियन और जूनियर विश्व चैंपियनशिप के कैंप आयोजित हुए। वर्तमान में अंडर-15 व 17 एशिया चैंपियनशिप के लिए बीबीडी अकादमी में राष्ट्रीय कैंप चल रहा है। भारतीय जूनियर टीम में भी अकादमी का दबदबा दिखा। यहां से पांच खिलाडिय़ों का चयन म्यांमार में होने वाली अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप के लिए किया गया है। इतना ही नहीं भारत सरकार की खेलों इंडिया के तहत यूपी बैडमिंटन अकादमी के छह खिलाड़ी अपना जलवा दिखा रहे हैं। भारतीय खेल प्राधिकरण के तहत यहां पर साई अपना कैंप लगाता रहा है।

एक महीने का प्रशिक्षण शुल्क छह हजार

अगर कोई यूपी बैडमिंटन अकादमी में दाखिला प्रशिक्षण लेना चाहता है तो उसे एक महीने में छह हजार रुपये कोचिंग के नाम पर देना होगा। उत्तर प्रदेश बैडमिंटन एसोसिएशन के ट्रेजरार ने बताया कि उच्च स्तरीय प्रशिक्षण के लिए अकादमी में भारत के अलावा विदेशी कोच की भी सुविधा है। उन्होंने कहा अकादमी में वो सभी सुविधाएं मौजूद हैं जो किसी भी खिलाड़ी को विश्व स्तरीय बनाने के लिए चाहिए। इसके अलावा अगर किसी प्रशिक्षु को हॉस्टल चाहिए तो इसके लिए उसे नौ हजार रुपये और देने होंगे।

अंतरराष्ट्रीय इंडोर हॉल की खूबियां

  • छह अंतरराष्ट्रीय स्तर का बैडमिंटन कोर्ट
  • 5000 लोग एक साथ बैठकर उठा सकते हैं मैच का लुत्फ
  • अंतरराष्ट्रीय स्तर का मीडिया सेंटर
  • पुरुष और महिला खिलाडिय़ों के लिए अलग-अलग चेंजिंग रुम की व्यवस्था
  • तीन अंतरराष्ट्रीय स्तर का टेनिस कोर्ट
  • खिलाडिय़ों और प्रशिक्षुओं के लिए स्टीम और आइस बाथ के साथ वातानुकूलित जिम, इसके अलावा अकादमी में योगा की भी सुविधा
  • खिलाडिय़ों व प्रशिक्षुओं के लिए उच्च स्तरीय कैटरिंग की व्यवस्था
  • इंडोर कॉम्पलेक्स में एक शानदार फीजियो सेंटर भी

अकादमी की चमक रियो ओलंपिक तक

बीबीडी अकादमी के स्टार शटलर मनु अत्री न सिर्फ राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में अपने दमदार प्रदर्शन की छाप छोड़ी है बल्कि वर्ष 2016 में रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर यूपी बैडमिंटन अकादमी का मान बढ़ाया। मनु ने वर्ष 2013 और 2014 में लगातार दो बार टाटा ओपन इंडिया इंटरनेशनल चैलेंज बैडमिंटन में सुमित रेड्डी के साथ जोड़ी बनाकर पुरुष युगल का खिताब जीता।

अकादमी के 14 खिलाड़ी भारतीय टीम में दिखा रहे हैं दम

बीबीडी बैडमिंटन अकादमी के 14 शटलर इस समय भारतीय टीम में शामिल हैं। इसमें से कई खिलाड़ी राजधानी से ताल्लुक रखते हैं। वैसे तो स्टार युवा शटलर रिया मुखर्जी का जन्म पश्चिम बंगाल के कोलकाता शहर में हुआ। लेकिन अपने पिता के सरकारी सेवा में रहने की वजह से रिया को लखनऊ में शिफ्ट होना पड़ा। रिया ने करीब आठ साल पहले गोमतीनगर स्थित यूपी बैडमिंटन अकादमी में प्रशिक्षण के लिए दाखिला लिया। कुछ ही समय में एक के बाद एक कई बड़ी प्रतियोगिताओं में रिया ने अपने बेहतरीन प्रदर्शन की छाप छोड़ी। इसी तरह का प्रदर्शन लखनऊ की अमोलिका सिंह का भी रहा है। अमोलिका ने पिछले दो वर्षों में शानदार प्रदर्शन कर कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में जीत हासिल की। इसके अलावा श्रुति मिश्रा, समृद्धि सिंह, शिवम शर्मा, विनय सिंह, सिद्धार्थ मिश्रा, मानसी सिंह, शैलजा शुक्ला, अंश, विशाल गुप्ता, बृजेश यादव, कपिल चौधरी, संधि बंधुनी व चंद्रभूषण त्रिपाठी इंटरनेशनल प्रतियोगिताओं में अपने प्रदर्शन का लोहा मनवाया है।

सैयद मोदी इंटरनेशनल चैंपियनशिप में अब तक खेल चुके देश

इस चैंपियनशिप का आयोजन प्रत्येक वर्ष दिसंबर-जनवरी के महीने में किया जाता है। अभी तक इस अंतरराष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंट में भारत के अलावा इंडोनेशिया, चीन, थाइलैंड, साउथ कोरिया, जापान, मलेशिया, डेनमार्क व सिंगापुर के खिलाड़ी खेल चुके हैं।

विवादों से भी रहा नाता

जहां एक ओर यह अकादमी तमाम उपलब्धियों को हासिल कर रही है वहीं इसको लेकर विवाद भी खूब देखने को मिले हैं। किसी जमाने में इस अकादमी पर डॉ. विजय सिन्हा की हुकूमत चलती थी। ये बात उन दिनों की बात है जब अखिलेश दास बैडमिंटन अकादमी को चलाते थे। यहां कुछ साल पहले उठापटक का दौर देखने को मिला। दरअसल इस अकादमी में  खेलों के नाम पर धन उगाही का आरोप भी लगा। इतना नहीं खेल की आड़ में अकादमी में प्रशिक्षण ले रहे खिलाडिय़ों का शारीरिक, मानसिक और आर्थिक शोषण का भी आरोप लगा। 30 साल से जमे-जमाए डॉ. विजय सिन्हा और उनके बेटे निशांत सिन्हा को इन विवादों के बाद जेल भी जाना पड़ा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.