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बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी को अयोध्या मसले पर कोर्ट के अलावा कोई फैसला मान्य नहीं

लखनऊ में बैठक के बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी ने साफ किया कि अयोध्या मसले पर सुप्रीम कोर्ट के अलावा कोई भी फैसला मान्य नहीं है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 21 Jun 2019 10:18 AM (IST)Updated: Fri, 21 Jun 2019 10:18 AM (IST)
बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी को अयोध्या मसले पर कोर्ट के अलावा कोई फैसला मान्य नहीं
बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी को अयोध्या मसले पर कोर्ट के अलावा कोई फैसला मान्य नहीं

लखनऊ, जेएनएन। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर सुगबुगाहट तेज होने पर बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी भी एक्शन में है। लखनऊ में बैठक के बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी ने साफ किया कि अयोध्या मसले पर सुप्रीम कोर्ट के अलावा कोई भी फैसला मान्य नहीं है।

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एक्शन कमेटी ने भाजपा नेताओं के उन बयानों की निन्दा की जिसमें कानून बनाकर मंदिर निर्माण की बात कही जा रही है। कमेटी अपने पुराने रुख पर कायम है कि जो भी सुप्रीम कोर्ट का फैसला होगा, उसे ही माना जाएगा। साथ ही राम मंदिर निर्माण के लिए यदि सरकार कोई अध्यादेश लाती है तो उसे कमेटी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी।

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सहित कई अन्य नेताओं ने हाल ही में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर बयान दिए हैं। मौर्य ने पिछले दिनों कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले या समझौते से बात नहीं बनी तो फिर कानून बनाकर राम मंदिर बनाया जाएगा। इन बयानों से चिंतित बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी ने गुरुवार को लखनऊ में पदाधिकारियों की एक बैठक बुलाई और इस मसले पर विस्तार से चर्चा की।

इस बैठक के बाद संयोजक जफरयाब जीलानी ने पत्रकारों से कहा कि उप मुख्यमंत्री होकर इस तरह के बयान यह साबित करते हैं कि प्रदेश सरकार एक धर्म विशेष के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुसार सरकार का संबंध किसी धर्म विशेष से नहीं होता है। सरकार का काम मंदिर बनवाना नहीं, बल्कि सभी धर्मों का आदर कर समान रूप से देखना है।

उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री खुद कह चुके हैं कि न्यायालय का निर्णय आए बिना कुछ नहीं होगा फिर दूसरे नेताओं के बोलने से कोई फर्क नहीं पड़ता। केंद्र सरकार राम मंदिर निर्माण को लेकर कोई अध्यादेश लाने नहीं जा रही है। इसके बावजूद यदि कोई कार्रवाई होती है तो उसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी। मध्यस्थता कमेटी पर उन्होंने कहा कि मध्यस्थता भी न्यायिक व्यवस्था के तहत होनी चाहिए। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी ने कभी भी बातचीत के जरिए मामले के समाधान को नकारा नहीं है। जो भी होगा वह न्यायिक व्यवस्था के तहत होगा।

मंदिर-मस्जिद विवाद का होगा समाधान: झा

प्रख्यात निर्माता-निर्देशक प्रकाश झा रामनगरी में फिल्म की शूङ्क्षटग कर सकते हैं। उन्होंने सरयू तट, नागेश्वर नाथ मंदिर, अयोध्या के राजा के महल सहित रामनगरी से लगी मनकापुर रियासत के महल और नंदिनी नगर महाविद्यालय की लोकेशन का जायजा लिया। अयोध्या रियासत के महल में मीडिया से मुखातिब झा ने विभिन्न विषयों पर अपनी राय रखी। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद का समाधान संभावित है। इसके लिए अदालत एवं सरकार के स्तर से प्रयास चल रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार का मूल्यांकन यह कहते हुए किया कि हाल के चुनाव में प्रधानमंत्री को जनता का अपार समर्थन मिला है, इससे साबित होता है कि जनता उन्हें पसंद कर रही है। उनके साथ आर्ट डायरेक्टर उदय प्रकाश ङ्क्षसह, सहायक सुधीर मिश्र, अभय, लाइन प्रोड्यूसर जनार्दन पांडेय, बब्लू पंडित, राकेश सोनकर आदि थे। सूत्रों के अनुसार अयोध्या पर केंद्रित झा की फिल्म रामनगरी की खास तासीर वाली सांस्कृतिक परंपरा एवं मंदिर-मस्जिद विवाद में पगी सियासत पर आधारित हो सकती है। 

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