अटल जी के नाम पर होगा आयुष विवि, यहां घटों व्यतीत करते थे अपना वक्त
आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी ने 18 अगस्त को दी सहमति।
लखनऊ(जागरण संवाददाता)। गोमती नगर स्थित नेशनल होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज में सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को दी गई। इस दौरान प्रधानाचार्या डॉ. हेमलता ने कहा कि इस कॉलेज का उद्घाटन स्वर्गीय प्रधानमंत्री ने ही अपने कर कमलों से 18 वर्ष पूर्व किया था। इसलिए सबको मिलकर इसे बुलंदियों पर ले जाना चाहिए। ताकि इसका नाम देश दुनिया में हो। यही पूर्व प्रधानमंत्री के लिए सच्ची होगी। अब तो प्रदेश के आयुष मंत्री ने भी बाराबंकी में बनने वाले आयुष विश्वविद्यालय को अटल के नाम पर रखे जाने की एक दिन पहले ही सहमति दी है। यह हम सभी के लिए गर्व की बात है।
प्रधानमंत्री रहते चाय पीने के लिए एक घटे कॉलेज में रुके थे अटल:
कॉलेज के पूर्व निदेशक प्रो. डॉ. बीएन सिंह ने कहा कि पूर्व पीएम का व्यक्तित्व इतना सुंदर व सरल था, जिसका कोई सानी नहीं है। मैं उस वक्त निदेशक था, जब वह इस कॉलेज का उद्घाटन करने आए थे। यहा के बाद बख्शी का तालाब में उनका एक कार्यक्त्रम लगा था। वह गाड़ी में बैठ गए। इस दौरान उनके एसपीजी निदेशक ने कहा कि सर, अभी कार्यक्रम स्थल पर भीड़ नहीं है। रुककर जाना चाहिए।
इतने में पूर्व प्रधानमंत्री ने निदेशक बीएन सिंह को बुलाकर कहा कि आप मुझे चाय नहीं पिलाओगे क्या। इसके बाद वह चाय पीने के बहाने एक घटे तक कॉलेज में रुके और पेटीज भी खाई। यह उनके व्यक्तित्व की सरलता का सबसे बड़ा उदाहरण था। उन्होंने कॉलेज के बारे में बहुत सारी जानकारी ली। साथ ही कहा कि जितना सुंदर इसकी बिल्डिंग है, उतना ही सुंदर इसका उपयोग भी होना चाहिए। अन्य वक्ताओं ने कहा कि वह सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री थे। इसीलिए उनका सम्मान विपक्षी दलों के लोग भी करते थे। अंतरराष्ट्रीय शिक्षण संस्थान खोलने क माग :
पूर्व प्रधानमंत्री व भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से लखनऊ में अंतरराष्ट्रीय शिक्षण संस्थान खोला जाए। यह माग लुआक्टा ने केंद्र सरकार व राज्य सरकार से की है। लुआक्टा के अध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार पाडेय व महामंत्री डॉ. अंशु केडिया ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय शिक्षण संस्थान के लिए पाच हजार करोड़ का बजट भी देने की माग की है। वहीं पुरानी पेंशन योजना को बहाल कर अटल पेंशन योजना किया जाए। लुआक्टा कार्यकारिणी की बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर दुख व्यक्त किया गया। शिक्षकों ने दो मिनट का मौन रखा। सातवें वेतनमान को लेकर बनी सहमति को राज्य सरकार से जल्द लागू करने की माग भी उठाई गई।