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अयोध्‍या में अब सतह के ऊपर भी द‍िखेगा काम, व‍िध‍ि व‍िधान के साथ राम मंदिर की प्लि‍ंथ का निर्माण शुरू

Ayodhya Ram Temple News अयोध्‍या में सोमवार को रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने ट्रस्ट विहिप एवं कार्यदायी संस्था के लोगों के साथ किया पूजन। इसी वर्ष के मध्य से सतह के ऊपर आकार लेने लगेगा राम मंदिर।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Mon, 24 Jan 2022 09:01 PM (IST)Updated: Mon, 24 Jan 2022 09:01 PM (IST)
अयोध्‍या में अब सतह के ऊपर भी द‍िखेगा काम, व‍िध‍ि व‍िधान के साथ राम मंदिर की प्लि‍ंथ का निर्माण शुरू
Ayodhya Ram Temple News: मंदिर की नींव का निर्माण मकर संक्रांति के अवसर पर शुरू किया गया था।

अयोध्‍या, जागरण संवाददाता। Ayodhya Ram Temple News: रामजन्मभूमि परिसर में सोमवार से मंदिर की प्लि‍ंथ (अधिष्ठान) का निर्माण शुरू हुआ। मंदिर की नींव के ऊपर प्लि‍ंथ के पत्थर स्थापित करने से पूर्व वैदिक विधि- विधान से राम दरबार का चित्र एवं प्लि‍ंथ में प्रयुक्त होने वाले ग्रेनाइट के बड़े टुकड़े का पूजन किया गया। पूजन में रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय, तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य एवं अयोध्या राजपरिवार के मुखिया बिमलेंद्रमोहन मिश्र तथा अन्य सदस्य डा. अनिल मिश्र एवं महंत दिनेंद्रदास उपस्थित रहे।

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प्लि‍ंथ का निर्माण बेंगलुरु के ग्रेनाइट से होना है। इसकी कुछ परत जोधपुर के लाल पत्थर से भी निर्मित होगी। प्लि‍ंथ के निर्माण में पांच से छह माह का समय लगना है। इस वर्ष के मध्य से मंदिर का निर्माण सतह पर आकार लेने लगेगा। यह निर्माण पहले से ही निर्धारित मानचित्र के अनुरूप तराश कर रखी गईं राजस्थान की लाल शिलाओं से होगा। प्रस्तावित मंदिर 360 फीट लंबा, 235 फीट चौड़ा एवं 161 फीट ऊंचा है। मंदिर की नींव चार सौ गुणे तीन सौ वर्ग फीट में निर्मित की गई। मंदिर की नींव 50 फीट तक गहरी है और इसकी मजबूती के लिए पांच फीट ऊंची विशेष कंक्रीट भी ढाली गई है।

तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने दिसंबर 2023 में नवनिर्मित मंदिर के गर्भगृह में रामलला को प्रतिष्ठित करने की योजना तय कर रखी है। मंदिर में प्रयुक्त होने वाली शिलाओं की तराशी राजस्थान की तीन कार्यशालाओं में हो रही है। अयोध्या में रामघाट स्थित कार्यशाला में करीब एक लाख घन फीट शिलाएं पहले ही तराश ली गई हैं। मंदिर निर्माण में चार लाख घन फीट तराशी गईं शिलाएं प्रयुक्त होनी हैं। मंदिर की नींव का निर्माण गत वर्ष 15 जनवरी को मकर संक्रांति के अवसर पर शुरू किया गया था।

इस अवसर पर विहिप के शीर्ष पदाधिकारी कोटेश्वर शर्मा एवं गोपाल, कार्यदायी संस्था लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) एवं टाटा कंसल्टेंट इंजीनियर्स के प्रतिनिधि विनोद मेहता, विनोद शुक्ल, वास्तुविद् जगदीश आफले, राजेंद्र त्रिपाठी, अविनाश संगमनेरकर आदि मौजूद रहे।


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