श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के गठन को गृह मंत्रालय में चुनौती, निर्वाणी अखाड़ा के महंत धर्मदास ने बताया अवैध
Ayodhya Ram Mandir निर्वाणी अखाड़ा ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गठन को चुनौती दी है। इनके मंहत धर्मदास का कहना है कि राम मंदिर ट्र्स्ट बनाने में कानून का पालन नहीं हुआ है। निर्वाणी अखाड़ा प्रमुख ने गृह मंत्रालय को कानूनी नोटिस भेजा है।
लखनऊ, जेएनएन। रामनगरी अयोध्या में पांच अगस्त को भव्य मंदिर निर्माण के भूमि पूजन के बाद शुक्रवार को श्रीराम लला विराजमान क्षेत्र में करीब पांच सौ वर्ष बाद दीप जलाने की शुरुआत के बाद भी विवाद थम नहीं रहा है। अब यहां पर राम मंदिर के निर्माण के लिए गठित श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गठन को चुनौती दी गई है।
निर्वाणी अखाड़ा ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गठन को चुनौती दी है। इनके मंहत धर्मदास का कहना है कि राम मंदिर ट्र्स्ट बनाने में कानून का पालन नहीं हुआ है। निर्वाणी अखाड़ा प्रमुख ने गृह मंत्रालय को कानूनी नोटिस भेजा है। महंत धर्मदास ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गठन पर सवाल उठाते हुए उसे अवैध बताया है। नोटिस में उन्होंने कहा कि राम मंदिर के निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट अवैध, मनमाना और बीत वर्ष नवंबर में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ है।
महंत दास ने यह भी कहा कि जो लोग 1949 के बाद से टाइटल सूट के मामलों की सुनवाई कर रहे थे, उन्हेंं ट्रस्ट के गठन में शामिल नहीं किया गया, जो लोग 1989 के बाद मामले में शामिल हुए थे, उन्हेंं अहमियत दी गई। उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि जिन लोगों के पास राजनीतिक पहुंच है, उन्हेंं ही ट्रस्ट में अहम भूमिकाएं दी गई हैं।
नोटिस में कहा गया कि उनके गुरु बाबा अभिराम दास वर्ष 1949 से रामलला के पुजारी थे, उनके परिवार से भी किसी को ट्रस्ट में जगह नहीं मिली है। महंत धर्मदास ने गृह मंत्रालय को भेजे नोटिस में अनुसूचित जाति के सदस्य को हमेशा के लिए ट्रस्टी बनाकर हिंदुओं को बांटने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह एक बड़े राजनीतिक एजेंडे के तहत किया गया है।
अयोध्या में निर्वाणी अखाड़े के प्रमुख महंत धर्म दास ने गृह मंत्रालय को एक कानूनी नोटिस भेजा है। जिसमें सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक श्री रामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के गठन को अवैध बताया गया है। इसके साथ ही कोर्ट के हिसाब से ट्रस्ट के गठन और नियंत्रण की मांग की गई है। महंत धर्मदास ने गृह मंत्रालय से अपील की कि अगर इस मामले में जल्द ही कोई ठोस कदम उठाया जाए, नहीं तो वह कानूनी कार्रवाई करेंगे। निर्वाणी अखाड़ा के महंत धर्मदास ने कहा कि राम मंदिर ट्रस्ट सुप्रीम कोर्ट और संत समाज की मंशा के हिसाब से नहीं बना है। नोटिस में उन्होंने कहा कि ट्रस्ट को निजी स्वार्थ के चलते राम मंदिर की संपत्ति को हड़पने के लिए बनाया गया है। उन्होंने सवाल किया कि जब सारी संपत्ति भगवान की है, तो उन्हेंं ट्रस्ट में शामिल क्यों नहीं किया गया। नोटिस में कहा गया कि ट्रस्ट को सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के हिसाब से क्यों नहीं बनाया गया है।