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Ayodhya Ram Mandir News: निधि के साथ रामनाम की संपदा भी समर्पित कर रहे भक्त

Ayodhya Ram Mandir News देश के कई हिस्सों से श्रद्धालु निधि के साथ भेज रहे रामनाम लिखी पुस्तिकाएं। अब तक करोड़ों रामनाम हुए मंदिर निर्माण के लिए। राम नाम लिख कर भेजने वालों की लंबी कतार है।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Wed, 31 Mar 2021 02:47 PM (IST)Updated: Wed, 31 Mar 2021 02:47 PM (IST)
Ayodhya Ram Mandir News: निधि के साथ रामनाम की संपदा भी समर्पित कर रहे भक्त
Ayodhya Ram Mandir News: देश के कई हिस्सों से श्रद्धालु निधि के साथ भेज रहे रामनाम लिखी पुस्तिकाएं।

अयोध्या [रमाशरण अवस्थी]। Ayodhya Ram Mandir News: पांच सदी के बाद भगवान राम की जन्मभूमि पर बनने जा रहे मंदिर निर्माण में सहभागी बनने के लिए रामभक्त धनराशि के साथ ही रामनाम की संपदा भी अर्पित कर रहे हैं। कोई निधि दे रहा है तो कोई रामलला को वस्त्र अर्पित कर भक्तिभाव प्रगट कर रहा है। सोना, चांदी, शिला, मिट्टी, दीप, प्रसाद, दर्शन पथ पर बिछाने के लिए कारपेट तक भक्त आराध्य के चरणों में अर्पित कर रहे हैं, जिसे जो सूझ रहा है, वह भगवान को अर्पित कर रहा है। हजारों भक्त ऐसे भी हैं, जो निधि के साथ ही रामनाम का अर्पण पुस्तिका के रूप में कर रहे हैं। एक-एक पुस्तिका में हजारों रामनाम अंकित हैं, इन्हें श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कार्यालय को भेजा गया है। अब तक इस तरह करोड़ों रामनाम भगवत चरणों में आ चुके हैं। राम नाम लिख कर भेजने वालों की लंबी कतार है। 

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हाल के दिनों में चेन्नई की डॉ.कमला, तमिलनाडु की बी लक्ष्मी और एस प्रियांगी, हिमांचल प्रदेश के हमीरपुर के ओमकार ठाकुर, तेलंगाना की वीवी अनुसुइया, हरियाणा के अंबाला छावनी निवासी राजरानी, शाहगंज आगरा उत्तर प्रदेश के सुदर्शन सिंह, बेंगलुरु के रामगोपाल, अंधेरी मुंबई के रामराव व आंध्रप्रदेश के एन लक्ष्मी नारायण भी इस श्रंखला की कड़ी हैं।

इन सभी ने पुस्तिकाओं में रामनाम लिखकर ट्रस्ट कार्यालय भेजा है, जहां इसे संरक्षित किया गया है। कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्त बताते हैं कि हजारों की संख्या में अलग अलग प्रदेशों से रामनाम लिखी पुस्तिकाएं आई हैं। कई के साथ चेक भी प्राप्त हुए हैं। 

श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कार्यालय में शुरुआती दौर में प्राप्त होने वाली रामनाम लिखी पुस्तिकाओं को मणिरामदासजी की छावनी स्थित राम नाम बैंक भेजा गया। इनके संरक्षण की समुचित व्यवस्था भी होगी। ट्रस्ट कार्यालय के प्रभारी प्रकाश गुप्त बताते हैं कि लगभग रोज रामनाम लिखी पुस्तिकाओं का बंडल प्राप्त होता है। अधिकांश में चेक तो कई में नकद धनराशि भी होती है, जिसमें राम मंदिर निर्माण के लिए धनराशि लिखा होता है। 


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