सांस्कृतिक विकास का गवाह बनने जा रहा अयोध्या का दीपोत्सव
दीपोत्सव पूरी दुनिया को सांस्कृतिक दृष्टिकोण से जोड़ जा रहा है। रामनगरी के नेपाल, दक्षिण कोरिया और अन्य देशों से रिश्ते रहे हैं। महोत्सव से उन रिश्तों के बीच पनप रही मिठास और बढ़ेगी।
लखनऊ (जेएनएन)। भाजपा ने अयोध्या में छोटी दीपावली पर होने वाले दीपोत्सव की सराहना की है। दीपोत्सव पूरी दुनिया को सांस्कृतिक दृष्टिकोण से जोड़ जा रहा है। रामनगरी के विभिन्न देशों नेपाल, दक्षिण कोरिया और अन्य देशों से रिश्ते रहे हैं। इस महोत्सव से उन रिश्तों के बीच पनप रही मिठास और बढ़ेगी। इस दौरान दीपोत्सव को भव्य बनाने की तैयारियां चलती रहीं। दीपावली पर होने जा रहे इस महोत्सव में कई महाद्वीपों के कलाकारों के शिरकत करने आ रहे हैं।
नौ सौ कलाकारों की प्रस्तुति
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता चंद्रमोहन ने कहा कि छह नवंबर को होने वाला दीपोत्सव दुनिया से भारत के बनते सांस्कृतिक रिश्तों का गवाह बनेगा। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व का डंका विश्व में बज रहा है। प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद से सांस्कृतिक विकास की नई ज्योति जगी है। अयोध्या के दीपोत्सव में दक्षिणी कोरिया की प्रथम महिला किमजोंग सुक बतौर मुख्य अतिथि रहेंगी। आयोजन में देश-दुनिया के करीब नौ सौ कलाकार प्रस्तुति देने आ रहे हैं। एक ओर जहां मुस्लिम देश इंडोनेशिया के कलाकार रामलीला की प्रस्तुति देंगे तो दूसरी ओर श्रीलंका, रूस व त्रिनिदाद सहित अलग-अलग महाद्वीपों के कुल सात सौ कलाकार अपनी प्रस्तुति से भारत और उत्तर प्रदेश से अपने संस्कृति के रिश्तों की डोर मजबूत करेंगे।
संस्कृति के जरिए दुनिया को जोड़ रहा दीपोत्सव
प्रदेश के मंत्री सुरेश राणा ने फैजाबाद में कहाकि दीपोत्सव पूरी दुनिया को सांस्कृतिक दृष्टिकोण से जोड़ जा रहा है। उन्होंने 10 से 15 नवंबर तक चलने वाले बूथ समिति अभिनंदन, कमल संदेश बाइक रैली, पदयात्रा आदि की जानकारी दी। कहा, हमारे पास 40 लाख दायित्व संभालने वाले कार्यकर्ता हैं, जबकि प्रदेश में साढ़े 13 करोड़ वोटर है। हमें सभी मतदाताओं से संपर्क करना है। कमल संदेश बाइक रैली में हर बूथ से पांच कार्यकर्ता शामिल होंगे। इसके बाद एक से 15 दिसंबर तक पदयात्रा होगी। इसमें हर विधानसभा क्षेत्र से छह टीम बनेगी। एक दिन में यह टोली दो ग्रामसभा में संपर्क करेगी।
रामनगरी और कोरिया के रिश्ते
कोरियाई पौराणिक परंपरा के प्रतिनिधि ग्रंथ साम कुक यूसा के मुताबिक वहां के सर्वाधिक प्रभावी कारक राज-वंश की पितामही रानी हो अयोध्या की राजकुमारी थीं। प्रारंभ में उनका नाम सुरी रत्ना था। उनके पिता को स्वप्न में दैवी संकेत मिला कि वह पुत्री सुरी रत्ना को सुदूर पूर्व देश भेजें। इस पर पिता ने 16 वर्षीय पुत्री को पुत्र के साथ पूर्व की ओर रवाना किया। अयोध्या की राजकुमारी 48 ईसा पूर्व में कोरियाई समुद्र तट तक पहुंचीं। यहां उनकी भेंट राजा सूरो से हुई। राजा सूरो राजकुमारी सुरी रत्ना पर सम्मोहित हिए पारस्परिक सहमति और दैवी संयोग से दोनों का विवाह हो गया। विवाह के बाद सुरी रत्ना रानी हु ह्वांग ओक के नाम से प्रतिष्ठित हुईं। सूरो और हु ह्वांग ने अपने 10 पुत्रों के माध्यम से वंश को आगे बढ़ाया। दो हजार वर्ष से दक्षिण कोरिया के सर्वाधिक प्रभावी गोत्र के रूप में प्रवाहमान है। उनके वंशज कारक वंशीय जाने जाते हैं और दक्षिण कोरिया में कारक वंशियों की संख्या 60 लाख से अधिक है। कई पूर्व राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री भी कारक वंशीय रहे हैं।