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अयोध्‍या प्रकरण : फैसला ऐसा हो जो दूरियों को मिटाकर दिलों को करीब लाए Lucknow news

अयोध्या मामले की सुनवाई पूरी होने पर बोले उलमा। कहा देश की सर्वोच्च अदालत के फैसला का करेंगे सम्मान।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 16 Oct 2019 07:42 PM (IST)Updated: Thu, 17 Oct 2019 12:26 PM (IST)
अयोध्‍या प्रकरण : फैसला ऐसा हो जो दूरियों को मिटाकर दिलों को करीब लाए Lucknow news
अयोध्‍या प्रकरण : फैसला ऐसा हो जो दूरियों को मिटाकर दिलों को करीब लाए Lucknow news

लखनऊ, जेएनएन। देश के सबसे बड़े विवाद (अयोध्या मामले) की सुनवाई मुकम्मल हो गई। देश की सर्वोच्च अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया। अंतिम दिन सुनवाई के दौरान सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जुफर फारुखी ने दावा वापस ले लिया। जल्द ही कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा। सुनवाई मुकम्मल होने पर शिया-सुन्नी उलमा सहित अन्य बुद्धिजीवियों ने दैनिक जागरण से बातचीत कर अपनी राय रखा। कहा कि सर्वोच्च अदालत के फैसले का सम्मान करना देश के सभी नागरिकों का फर्ज है। हम सभी कोर्ट के फैसले का सम्मान करेंगे। उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि कोर्ट का फैसला ङ्क्षहदू-मुस्लिम के दिलों की दूरियों को कम कर करीब लाने का काम करेगा।  

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एडवोकेट जफरयाब जिलानी, सचिव, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड  ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड अपना दावा वापस ले रहा है, हमारे पास ऐसे कोई आदेश नहीं आया हैं। हमने अपने स्टैंड पर कायम रहकर कोर्ट में बहस की। कोर्ट इस संबंध में जो भी फैसला सुनाएगा वह हम सभी के लिए काबिल-ए-कबूल होगा। देश के मुसलमानों को संविधान पर पूरा भरोसा है। 

मरकजी शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष, मौलाना सैफ अब्बास  ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड ने दावा वापस न हीं लिया है, बल्कि मध्यस्थता कमेटी के सामने एक सुझाव रखा है। कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई। अब एक महीने में किसी भी दिन फैसला सुना दिया जाएगा। लिहाजा दोनों समुदाय के लोग गंगा-जमुनी तहजीब को बनाए रखें और सम्मान के साथ फैसले को कबूल करें।  

ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड  के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने बताया कि हमें उम्मीद है कि जल्द ही अयोध्या मामले का मुकम्मल हल निकलेगा। देश की जनता को देश की सर्वोच्च अदालत और संविधान पर पूरा भरोसा है। फैसला जो भी हो, हर भारतीय को उसका स्वागत करना चाहिए। जिसको देश के संविधान पर भरोसा नहीं उसको मुल्क में रहने का अधिकार नहीं है।  

ऐशबाग ईदगाह के ईमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि आजाद हिंदुस्तान की सबसे बड़ी सुनवाई आज मुकम्मल हो गई। सुप्रीम कोर्ट की तारीख में आज का दिन एक ऐतिहासिक दिन है। देश के मुसलमानों की कोर्ट पर पूरी आस्था है। हमें उम्मीद है कि कोर्ट अयोध्या मामले में जो भी फैसला देगा वह भी ऐतिहासिक होगा। 

काजी-ए-शहर  मुफ्ती इरफान मियां फरंगी महली ने कहा कि सुनवाई के अंतिम दिन सुन्नी वक्फ बोर्ड भले ही अपने स्टैंड से मुकर जाए, लेकिन बाबरी मस्जिद का मामला देश के करोड़ों मुसलमानों के दिलों से जुड़ा है। जहां तक फैसले का सवाल है, तो माननीय सर्वोच्च न्यायालय अयोध्या मामले को लेकर जो भी फैसला देगी, वह हम सभी को मान्य होगा। 

शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर बनना तय है। शिया वक्फ बोर्ड कोर्ट में मंदिर निर्माण के लिए अपना शपथ पत्र दे चुका है। अब सुन्नी वक्फ बोर्ड ने भी बाबरी मस्जिद के पक्षकारों की लड़ाई लडऩे से मना कर दिया है, जो राम मंदिर बनने के लिए बड़ा संकेत है। हालांकि, सुन्नी वक्फ बोर्ड की शर्तों को अब कोई मतलब नहीं है। 

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