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Ayodhya Case: ढांचा ध्वंस मामले में CBI ने अदालत से मांगा एक सप्ताह का वक्त, 24 घंटे और मिले

Ayodhya Case विशेष अदालत के न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार यादव ने 28 जुलाई को ही अभियोजन साक्ष्य समाप्त होने के समय अपनी लिखित बहस तैयार करने के निर्देश दिए थे।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Tue, 18 Aug 2020 09:13 PM (IST)Updated: Wed, 19 Aug 2020 06:02 AM (IST)
Ayodhya Case: ढांचा ध्वंस मामले में CBI ने अदालत से मांगा एक सप्ताह का वक्त, 24 घंटे और मिले
Ayodhya Case: ढांचा ध्वंस मामले में CBI ने अदालत से मांगा एक सप्ताह का वक्त, 24 घंटे और मिले

लखनऊ, जेएनएन। Ayodhya Case: अयोध्या के ढांचा ध्वंस मामले में विशेष अदालत के समक्ष अभियोजन की ओर से मंगलवार को लिखित बहस दाखिल करने के लिए एक सप्ताह वक्त की मांग की। अभियोजन को सोमवार को लिखित बहस दाखिल करनी थी। आदालत ने अभियोजन की अर्जी स्वीकार करते हुए एक दिन का और वक्त देते हुए 19 अगस्त तक लिखित बहस दाखिल करने के निर्देश दिए। अदालत के समक्ष सीबीआइ की ओर से विशेष लोक अभियोजक ललित कुमार सिंह और आरके यादव उपस्थित थे।

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उन्होंने न्यायालय के समक्ष एक अर्जी देकर कहा कि लिखित बहस तैयार की जा रही है इसके पूरी होने में एक सप्ताह का समय लगेगा, लिहाजा उन्हें बहस तैयार करने के लिए समय दिया जाए। अदालत ने 19 अगस्त की तिथि नियत करते हुए सीबीआइ को लिखित बहस प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। मामले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत के न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार यादव ने 28 जुलाई को ही अभियोजन साक्ष्य समाप्त होने के समय अपनी लिखित बहस तैयार करने के निर्देश दिए थे।

ये है पूरा मामला 

मालूम हो क‍ि 1992 में जब अयोध्या के विवादित ढांचा गिराया गया तब कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। विवादित ढांचा गिराए जाने के मामले में 19 अप्रैल, 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, साध्वी ऋतंभरा, महंत नृत्यगोपाल दास और उमा भारती के खिलाफ आपराधिक साजिश के आरोपों में मुकदमा चलाने का आदेश दिया था। इस मामले में आरोप‍ित रहे अशोक सिंघल, गिरिराज किशोर, विष्णु हरि डालमिया, मोरेश्वर सावें, महंत अवैद्यनाथ, महामंडलेश्वर जगदीश मुनि महाराज, वैकुंठ लाल शर्मा, परमहंस रामचंद्र दास, डॉ. सतीश नागर, बालासाहेब ठाकरे, तत्कालीन एसएसपी डीबी राय, रमेश प्रताप सिंह, महत्यागी हरगोविंद सिंह, लक्ष्मी नारायण दास, राम नारायण दास एवं विनोद कुमार बंसल की मृत्यु हो चुकी है। उच्च न्यायालय के निर्देश पर विशेष अदालत में प्रतिदिन सुनवाई की जा रही है। आगामी 31 अगस्त को निर्णय सुनाया जाना है। न्यायालय पत्रावली के अनुसार इस मामले में छह दिसंबर 1992 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। सीबीआइ में विवेचना के उपरांत 48 लोगों के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया था।


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