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Ayodhya Case: अयोध्या विवादित ढांचा विध्वंस केस में 49 आरोपितों में से 17 का हो चुका है निधन

अयोध्या में छह दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा गिराए जाने के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत 30 सितंबर को फैसला सुनाएगी। इस केस में सीबीआई ने 49 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट फाइल की थी। 17 आरोपियों की लंबे समय से हो रही सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 30 Sep 2020 06:00 AM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2020 07:23 AM (IST)
Ayodhya Case: अयोध्या विवादित ढांचा विध्वंस केस में 49 आरोपितों में से 17 का हो चुका है निधन
अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस केस में 17 आरोपियों की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो चुकी है।

लखनऊ, जेएनएन। अयोध्या में छह दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा गिराए जाने के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत 27 साल बाद 30 सितंबर को यानी आज फैसला सुनाएगी। ढांचा गिराए जाने के मामले में सीबीआई ने 49 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट फाइल की थी। विवादित ढांचा गिराए जाने के मामले के आरोपियों में शीर्ष भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, विनय कटियार और उमा भारती के अलावा रामचंद्र दास परमहंस, महंत नृत्यगोपाल दास, डॉ. रामविलासदास वेदांती, आचार्य धर्मेंद्र आदि जैसे कई दिग्गज नेता और संत भी हैं। इस केस में 17 आरोपियों की लंबे समय से हो रही सुनवाई के दौरान मृत्यु हो चुकी है।

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अयोध्या में छह दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा गिराए जाने के दिन ही यानी 6 दिसंबर 1992 को ही संबंधित राम जन्मभूमि थाना में मामले की एफआईआर दर्ज की गई थी। इस केस कुल 49 में से 17 आरोपितों का निधन हो चुका है। इनमें महंत रामचंद्र दास परमहंस, महंत अवैद्यनाथ, अशोक सिंहल, आचार्य गिरिराज किशोर, रामनारायण दास, लक्ष्मीनारायण दास, रमेश प्रताप सिंह, बैकुंठलाल शर्मा, जगदीश मुनि, सतीश नागर, विष्णु हरि डालमिया, विनोद कुमार वत्स, हरगोविंद सिंह, देवेंद्र बहादुर राय, मोरेश्वर सावे, विजयाराजे सिंधिया व बाल ठाकरे शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल 2017 में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट को 31 अगस्त तक सुनवाई पूरी करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने लखनऊ में विवादित ढांचा विध्वंस मामले की सुनवाई करने वाली विशेष सीबीआई अदालत की समय सीमा को 30 सितंबर तक बढ़ा दिया था। अयोध्या मामले में फैसला सुनाने की शीर्ष अदालत की समय सीमा 31 अगस्त को समाप्त हो गई थी। एक सितंबर को विशेष जज एसके यादव ने मामले में सुनवाई पूरी की इसके बाद जज ने फैसला लिखना शुरू किया। जज एसके यादव ने कहा कि मामले में 30 सितंबर को फैसला सुनाया जाएगा।

दर्ज कराए गए थे कुल 50 मुकदमे : अयोध्या ढांचा विध्वंस मामले से जुड़े अधिवक्ता केके मिश्र ने बताया कि अयोध्या विवादित ढांचा ध्वंस मामले की पहली रिपोर्ट (197/92) इंस्पेक्टर रामजन्मभूमि प्रियंवदा नाथ शुक्ला ने थाना रामजन्मभूमि में 40 लोगों को नामजद करते हुए लाखों अज्ञात कारसेवकों के खिलाफ दर्ज कराई थी। इसी दिन दूसरी रिपोर्ट (198/92) चौकी इंचार्ज राम जन्मभूमि जीपी तिवारी ने अज्ञात कारसेवकों के खिलाफ दर्ज कराई थी। इसके अलावा 48 एफआइआर मीडिया कर्मियों की ओर से दर्ज कराई गईं। इस तरह छह दिसंबर, 1992 की घटना को लेकर कुल 50 एफआइआर दर्ज हुई थीं। सीबीआइ ने कई चरणों में आरोप पत्र दाखिल कर अभियोजन के पक्ष को साबित करने के लिए 994 गवाहों की सूची अदालत में दाखिल की।


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