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अयोध्या प्राधिकरण बोर्ड आज देगा राम मंदिर निर्माण मानचित्र को मंजूरी, 18 सदस्य लेंगे हिस्सा

अयोध्या प्राधिकरण बोर्ड के सभाकक्ष में सुबह 11 बजे से होगी बैठक सभी विभागों से मिल चुकी है अनापत्ति।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Tue, 01 Sep 2020 08:54 PM (IST)Updated: Wed, 02 Sep 2020 06:57 AM (IST)
अयोध्या प्राधिकरण बोर्ड आज देगा राम मंदिर निर्माण मानचित्र को मंजूरी, 18 सदस्य लेंगे हिस्सा
अयोध्या प्राधिकरण बोर्ड आज देगा राम मंदिर निर्माण मानचित्र को मंजूरी, 18 सदस्य लेंगे हिस्सा

अयोध्या, जेएनएन। राम मंदिर निर्माण के मानचित्र को मंजूरी देने के लिए अयोध्या विकास प्राधिकरण में दिनभर होमवर्क चला। प्राधिकरण बोर्ड की बैठक में मंजूरी के लिए इसे बुधवार को प्रस्तुत किया जाएगा। बोर्ड की बैठक बुधवार की सुबह 11 बजे से प्राधिकरण सभाकक्ष कमिश्नर एमपी अग्रवाल की अध्यक्षता में होगी। वहीं प्राधिकरण बोर्ड के अध्यक्ष है। श्रीराम मंदिर निर्माण के मानचित्र को प्राधिकरण बोर्ड से मंजूरी मिलने की पूरी उम्मीद है। बोर्ड बैठक में 18 सदस्य हिस्सा लेंगे। इनमें छह विशेष आमंत्रित हैं।

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उपाध्यक्ष डॉ. नीरज शुक्ल के अनुसार मानचित्र की मंजूरी के लिए सभी विभागों की अनापत्ति मिल चुकी है। प्रस्तावित बोर्ड बैठक में इसे मंजूरी के लिए रखा जाएगा। तीन दिन पहले श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र मंजूरी के लिए मानचित्र उपाध्यक्ष डॉ. शुक्ल को सौंप चुके हैं। बोर्ड बैठक की तैयारियों के बीच मंगलवार को दोपहर 1.30 बजे के करीब जिलाधिकारी अनुज कुमार झा भी प्राधिकरण पहुंचे। उपाध्यक्ष कक्ष में मंत्रणा की। मंत्रणा में उपाध्यक्ष के अलावा प्राधिकरण सचिव आरपी सिंह वार्ता में शामिल रहे। जिलाधिकारी भी बोर्ड बैठक के सदस्य हैं। उपाध्यक्ष ने बताया कि बोर्ड बैठक की तैयारियों के बारे में जानकारी की है। लगभग 67 एकड़ भूमि का लेआउट समेत मानचित्र मंजूरी के लिए ट्रस्ट ने प्राधिकरण को सौंपा है, जिसमें करीब पांच एकड़ में राम मंदिर का निर्माण है। अवशेष भूमि के लेआउट को इसलिए शामिल किया गया है, जिससे भविष्य में किसी प्रकार के निर्माण में अड़चन न हो।

करीब 2.50 करोड़ रुपया से ज्यादा विकास समेत अन्य मदों के शुल्क में ट्रस्ट को विकास प्राधिकरण के खजाने में जमा कराना होगा। इसमें निर्माण पर लगने वाला श्रमिक सेस भी शामिल है। ट्रस्ट की तरफ से जमा की जाने वाली यह शुल्क आयकर छूट के बाद की है। बोर्ड से मानचित्र की मंजूरी के बाद प्राधिकरण शुल्क जमा करने के लिए ट्रस्ट को पत्र जारी करेगा। ट्रस्ट उसी के बाद धनराशि जमा करेगा। धनराशि जमा होने के बाद प्राधिकरण स्वीकृत मानचित्र ट्रस्ट को सौंप देगा। 


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