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SGPGI में अंगदान को बढ़ावा देने के लिए चलेगा जागरूकता अभियान

प्रदेश के 40 हजार किडनी ट्रांसप्लांट के लिए कर रहे है इंतजार इसके तहत प्रदेश के 26 सरकारी और निजि अस्पतालों को जोड़ा जाएगा। चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने संदेश में कहा कि अंग प्रत्यारोपण विशेष सेवा जिसके जरिए लोगों को जीवन दे सकते हैं।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 03:54 PM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 03:54 PM (IST)
SGPGI में अंगदान को बढ़ावा देने के लिए चलेगा जागरूकता अभियान
एसजीपीजीआइ लखनऊ में अंगदान के लिए चलाया जाएगा जागरुकता अभियान।

लखनऊ, जेएनएन। किडनी खराबी के अंतिम स्टेज में ट्रांसप्लांट ही एक उपाय है जिसके लिए प्रदेश के लगभग 40 हजार लोग ट्रांसप्लांट के लिए इंतजार कर रहे है किसी पास डोनर है तो राहत की बात है लेकिन जिनके पास डोनर नहीं है उनके लिए उम्मीद की किरण भी धुंंधली है। संजय गांधी पीजीआई के नेफ्रोलाजी विभाग के प्रमुख प्रो.नरायन प्रसाद ने स्टेट आर्गान एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन के वेबीनार में कहा कि कैडेवरिक ट्रांसप्लांट को बढावा दिए बिना किडनी की जरूरत पूरी करना संभव नहीं है।

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ट्रांसप्लांट के लिए इंजतार करने तक के लिए डायलसिस की जरूरत है लेकिन प्रदेश में केवल 1600 डायलिस स्टेशन ( मशीन) है जिसके कारण लोगों को डायलसिस के लिए भी इंतजार करना पड़ रहा है। संसाधन बढाने की जरूरत है। निदेशक प्रो.आरके धीमन ने बताया कि सोटो के जरिए कैडवरिक ट्रांसप्लांट को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। इसके तहत प्रदेश के 26 सरकारी और निजि अस्पतालों को जोड़ा जाएगा। चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने संदेश में कहा कि अंग प्रत्यारोपण विशेष सेवा जिसके जरिए लोगों को जीवन दे सकते हैं। प्रदेश में अंगदान हो रहा है जिसे बढावा देने के लिए विशेष रूप से योजना तैयार की गयी है। चिकित्सा शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डा. रजनीश दूबे ने कहा कि अंग प्रत्यारोपण के मामले में उत्तर भारत पीछे है । इस कमी को पूरा करने में सोटो का अहम योगदान होगा। विशेषज्ञों ने बताया कि लिवर ट्रांसप्लांट अभी प्रदेश के किसी अस्पताल में नहीं हो रहा है पीजीआई ने शुरू किया था लेकिन अभी रुका हुआ है जिसे जल्दी शुरू किया जाएगा।

नोडल आॅफिसर एवं अस्पताल प्रशासन विभाग के प्रमुख प्रो.राजेश हर्ष वर्धन ने बताया कि सोटो के गठन के बाद प्रदेश में अंगों की उपलब्धता के बारे में एक जगह सारी जानकारी मिलेगी। ब्रेन डेड लोगो के परिवार के लोगों को अंग दान के प्रेरित किया जाएगा । मृत्यु के बाद अंगदान के लिए जो लोग सहमति दिए होंगे इसका पूरा विवरण होगा। उनके ड्राइविंग लाइसेंस से लिंक होगा जिससे जनकारी तुरंत ट्रांसप्लांट सेंटर के मिलेगी। 


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