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पुलिस वेरीफिकेशन रिपोर्ट को दरकिनार कर विभाग सादिया के पासपोर्ट को दे सकता है हरी झंडी

पासपोर्ट विभाग के एक अधिकारी विशेषाधिकार का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए वेरीफिकेशन रिपोर्ट को होल्ड करवाकर सादिया के बचाव के लिए कुछ और समय दिया जा सकता है।

By Ashish MishraEdited By: Published: Tue, 03 Jul 2018 11:23 AM (IST)Updated: Tue, 03 Jul 2018 11:23 AM (IST)
पुलिस वेरीफिकेशन रिपोर्ट को दरकिनार कर विभाग सादिया के पासपोर्ट को दे सकता है हरी झंडी
पुलिस वेरीफिकेशन रिपोर्ट को दरकिनार कर विभाग सादिया के पासपोर्ट को दे सकता है हरी झंडी

लखनऊ (जेएनएन)। पासपोर्ट आवेदन के लिए जानकारी छिपाने के आरोप में फंसी तन्वी सेठ उर्फ सादिया और उनके पति मोहम्मद अनस सिद्दीकी को हरी झंडी देने की तैयारी है। खुद को फंसता देख पासपोर्ट विभाग सादिया की वेरीफिकेशन रिपोर्ट को दरकिनार कर उनको सही साबित कर सकता है। पासपोर्ट विभाग के एक अधिकारी विशेषाधिकार का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए वेरीफिकेशन रिपोर्ट को होल्ड करवाकर सादिया के बचाव के लिए कुछ और समय दिया जा सकता है।

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इससे सादिया को कुछ दस्तावेज जमा कराने का भरपूर समय मिल सके। हालांकि विभागीय सूत्रों के मुताबिक पासपोर्ट विभाग ने पुलिस वेरीफिकेशन रिपोर्ट में पेंच फंसाते हुए सादिया व उनके पति को हरी झंडी दे दी है। वहीं, क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी पीयूष वर्मा कहते हैं कि अभी इस मामले का परीक्षण किया जा रहा है। समय आने पर ही कार्रवाई की जाएगी।

सादिया और उनके पति मोहम्मद अनस सिद्दीकी को 21 जून को पासपोर्ट उनके हाथों में सौंपा गया था। इनके दस्तावेज पासपोर्ट विभाग के सिस्टम पर एक दिन बाद 22 जून को अपलोड किए गए। पासपोर्ट आवेदन की फाइल में 22 जून को ही तन्वी सेठ उर्फ सादिया से नीले पेन से एक कागज पर वर्क फ्रॉम होम लिखवाकर जमा करवाया गया।

इसके बाद पुलिस और एलआइयू ने 26 जून की सुबह तन्वी सेठ उर्फ सादिया के अमीनाबाद स्थित ससुराल के पते पर जाकर वेरीफिकेशन किया था। यहां पर तन्वी सेठ उर्फ सादिया के साथ उनके पति मोहम्मद अनस सिद्दीकी नहीं मिले थे। पुलिस वेरीफिकेशन के बाद जो रिपोर्ट सौंपी गई थी उसमें पासपोर्ट विभाग के वरिष्ठ अधीक्षक विकास मिश्र की सभी तीन आपत्तियों को सही पाया गया था।

एक को जेल दूसरे को कुछ नहीं

पासपोर्ट बनाने में शिथिलता बरतने के आरोप में सहायक पासपोर्ट अधिकारी सुधाकर रस्तोगी पिछले डेढ़ महीने से जेल में बंद हैं। सुधाकर रस्तोगी पर दस्तावेज पूरा न होने पर पासपोर्ट की अनुमति देने का आरोप लगा था। जबकि यहां पासपोर्ट विभाग पुलिस वेरीफिकेशन रिपोर्ट में तन्वी सेठ उर्फ सादिया पर तीन बिंदुओं को लेकर आरोप लगाए गए हैं। यहां तो पुलिस रिपोर्ट ही सबसे बड़ा आधार है जिसे दरकिनार किया जा रहा है।

कर्मचारियों पर दबाव

नियमों को दरकिनार कर पहले जहां बिना दस्तावेज देखे ही तन्वी सेठ उर्फ सादिया के हाथ में पासपोर्ट दे दिया गया, वहीं अब पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट गलत आने पर अधिकारियों ने अपने कर्मचारियों को मामले पर खामोश रहने का निर्देश दिया है। इसके चलते कर्मचारियों और अधिकारियों के हितों का दंभ भरने वाले ऑल इंडिया पासपोर्ट कर्मचारी एसोसिएशन ने भी मामले में चुप्पी साध ली है।

एक अधिकारी की आइडी का इस्तेमाल

सूत्रों के मुताबिक तन्वी सेठ उर्फ सादिया को क्लीयरेंस देने के लिए गोमतीनगर स्थित क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अपनी आइडी से पुलिस वेरीफिकेशन रिपोर्ट को अपलोड किया। इसके बाद अपने ही सिस्टम से क्लीयरेंस दे दी।

विदेश मंत्री ने कहा, आलोचना सभ्यता से करो

इस प्रकरण में जिन वरिष्ठ अधीक्षक विकास मिश्र का गोरखपुर तबादला किया गया है, उनको लेकर देश भर से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के ट्विटर पर विरोध दर्ज कराया जा रहा है। विरोध करने वाले कुछ लोगों की भाषा अमर्यादित भी है। इस पर सुषमा स्वराज ने लिखा है कि लोकतंत्र में मतभिन्नता स्वभाविक है। आलोचना अवश्य करो लेकिन, अभद्र भाषा में नहीं। सभ्य भाषा में की गई आलोचना ज्यादा असरदार होती है।  


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