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Avadh University: छह स्ववित्त पोषित पाठ्यक्रमों में होगी पीएचडी, जान‍िए कौन-कौन से हैं पाठ्यक्रम

Avadh University विवि कैंपस व संबद्ध महाविद्यालयों के करीब तीन दर्जन से अधिक पाठ्यक्रमों में शोध किया जाता रहा। नियमित अंतराल के बाद वर्ष में एक बार प्रवेश परीक्षा के माध्यम से इसमें प्रवेश होता है लेकिन इसमें स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रम शामिल नहीं था।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sat, 20 Nov 2021 05:29 PM (IST)Updated: Sun, 21 Nov 2021 08:09 AM (IST)
Avadh University: छह स्ववित्त पोषित पाठ्यक्रमों में होगी पीएचडी, जान‍िए कौन-कौन से हैं पाठ्यक्रम
एमएसडब्ल्यू, इंजीनियरि‍ंग, एमसीजे, फिजिकल एजूकेशन, एमएड व बायोटेक पाठ्यक्रम हुए तय।

अयोध्‍या, प्रवीण तिवारी। डॉ.राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय प्रशासन ने कैंपस में संचालित छह स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों में भी शोध कराने का निर्णय लिया है। शोध की नियमावली का प्रारूप बन गया है। जल्द ही इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए विज्ञापन भी जारी होने की उम्मीद है, जिन पाठ्यक्रमों में प्रवेश की प्रकिया शुरू होगी, उसमें एमएसडब्ल्यू इंजीनियरि‍ंग, सभी ब्रांच में एमसीजे, एमएड, फिजिकल एजूकेशन व बायोटेक पाठ्यक्रम हैं। शोध वाले पाठ्यक्रमों की सूची में पहली बार स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रम शामिल किए जा रहे हैं।

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अभी तक विवि कैंपस व संबद्ध महाविद्यालयों के करीब तीन दर्जन से अधिक पाठ्यक्रमों में शोध किया जाता रहा। नियमित अंतराल के बाद वर्ष में एक बार प्रवेश परीक्षा के माध्यम से इसमें प्रवेश होता है, लेकिन इसमें स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रम शामिल नहीं था। निवर्तमान कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित के कार्यकाल में प्रयास शुरू हुए, लेकिन शोध की न तो नियमावली बन पाई थी और न ही ये महत्वाकांक्षी योजना आगे बढ़ सकी। अब कुलपति प्रो. रवि‍शंकर सि‍ंह के निर्देश के बाद एक बार फिर विवि परिसर के स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों में शोध का परिनियम बनाया गया। गत दिनों कार्यपरिषद की बैठक में इस पर मुहर लगी।

इस प्रस्ताव को विद्या परिषद की बैठक में अनुमोदित कर इसे कार्यपरिषद की बैठक में भेजा गया। नैक व यूजीसी के समन्वयक प्रो. फारुख जमाल ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि इसका परिनियम तैयार हो गया है। उक्त पांच विषयों में शोध कराने की तैयारी हो रही है। अभी शोध के लिए प्रवेश समन्वयक तैनात किए जाएंगे और प्रवेश परीक्षा का विज्ञापन प्रकाशित किया जाएगा। इसी के बाद परीक्षा संपन्न कराई जाएगी।


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