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Conversion racket In UP: ATS ने मतांतरण मामले की जांच का बढ़ाया दायरा, अब 18 जिलों की पुलिस भी शामिल

Conversion racket In UP एटीएस अब मतांतरण मामले में 18 जिलों की पुलिस की भी खास मदद ले रही है। कानपुर मेरठ अलीगढ़ बरेली मथुरा समेत अन्य जिलों की पुलिस को पीड़ितों से पूछताछ के साथ ही अन्य तथ्यों की पड़ताल का जिम्मा सौंपा गया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sat, 26 Jun 2021 07:00 AM (IST)Updated: Sat, 26 Jun 2021 09:10 AM (IST)
Conversion racket In UP: ATS ने मतांतरण मामले की जांच का बढ़ाया दायरा, अब 18 जिलों की पुलिस भी शामिल
एटीएस अब मतांतरण मामले की जांच में 18 जिलों की पुलिस की भी खास मदद ले रही है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ : एक हजार से अधिक लोगों के मतांतरण (धर्मांतरण) के मामले की जांच का दायरा और बढ़ गया है। आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) अब इसमें 18 जिलों की पुलिस की भी खास मदद ले रही है। कानपुर, मेरठ, अलीगढ़, बरेली, मथुरा समेत अन्य जिलों की पुलिस को पीड़ितों से पूछताछ के साथ ही अन्य तथ्यों की पड़ताल का जिम्मा सौंपा गया है। आइजी एटीएस जीके गोस्वामी ने इसे लेकर जिलों के पुलिस अधिकारियों को पत्र भी लिखा है। दूसरी ओर पुलिस रिमांड के दौरान उमर गौतम व जहांगीर ने शुक्रवार को विदेश से फंडिंग से जुड़े कई अहम राज उगले हैं। कई खातों की जानकारी भी सामने आई है। खासकर उमर गौतम के आइएसआइ कनेक्शन को लेकर अन्य जांच एजेंसियां भी सक्रिय हैं।

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उमर गौतम व जहांगीर से अब तक की पूछताछ में सामने आए तथ्यों के आधार पर कई जिलों में छानबीन की जा रही है और संदिग्धों से पूछताछ भी की गई है। अधिकारियों का कहना है कि मामले में सोमवार तक कुछ बड़े राजफाश हो सकते हैं। एटीएस कुछ अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी भी कर सकती है। एटीएस दूसरे राज्यों की पुलिस की मदद से भी जांच को आगे बढ़ा रही है।

मूक-बधिर, महिलाओं व कमजोर वर्ग के लोगों का जिस तरह से मतांतरण कराया गया, उसकी तह तक पहुंचने के लिए एटीएस मनोवैज्ञानिकों की भी मदद लेगी। मतांतरण के जो भी मामले अब तक सामने आए हैं, उनके सभी तथ्यों का अध्ययन होगा। आरोपित मतांतरण के लिए दूसरों को किस तरह उकसा रहे थे और उनकी किन कमजोरियों का फायदा उठाया जा रहा था। ऐसे सभी बिंदुओं को भी अलग से देखा जा रहा है। जिस तरह पूरे प्रकरण में रोज नए तथ्य सामने आ रहे हैं, उसे देखते हुए एटीएस जांच का दायरा भी लगातार बढ़ा रही है।

सूत्रों का कहना है कि विदेशी संगठनों से आर्थिक मदद लेने के लिए बड़े पैमाने पर मतांतरण के फर्जी सार्टीफिकेट भी बनाए गए थे। उमर व जहांगीर कई इस्लामिक संगठनों के संपर्क में थे और उनसे लगातार मतांतरण से से जुड़ी जानकारियां साझा करते थे। इनके बैंक खातों में अधिकतर रकम चंदे के रूप में भेजी गई थी।

उल्लेखनीय है कि एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने 20 जून को प्रेसवार्ता कर उत्तर प्रदेश से लेकर अन्य राज्यों तक फैले मतांतरण के रैकेट का राजफाश किया था। पुलिस ने दावा किया था कि आरोपितों को आइएसआइ से भी फंडिंग की जा रही थी। मूक-बधिक बच्चों से लेकर महिलाओं व कमजोर वर्ग के लोगों का साजिश के तहत बड़े पैमाने पर मतांतरण कराया जा रहा था।

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