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धर्मांतरण मामले में ATS ने छह मुल्जिमों के खिलाफ दाखिल क‍िए आरोप पत्र, लखनऊ की व‍िशेष कोर्ट में चल रहा मामला

एटीएस ने इस मामले में 10 मुल्जिमों को देश के विभिन्न प्रांतों से गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा है। शेष चार मुल्जिम प्रसाद कावरे उर्फ एडम उर्फ आदम अर्सलान उर्फ भूप्रिय विंदो कौसर आलम व डा. फराज शाह के खिलाफ विवेचना अभी प्रचलित है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 19 Aug 2021 09:26 PM (IST)Updated: Thu, 19 Aug 2021 09:26 PM (IST)
धर्मांतरण मामले में  ATS ने छह मुल्जिमों के खिलाफ दाखिल क‍िए आरोप पत्र, लखनऊ की व‍िशेष कोर्ट में चल रहा मामला
एटीएस की विशेष अदालत में आरोप पत्र पर संज्ञान के मसले पर सुनवाई अभी बाकी है।

लखनऊ, विधि संवाददाता। धर्मांतरण के मामले में जेल में बंद मो. उमर गौतम, मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी, इरफान शेख उर्फ इरफान खान, राहुल भोला उर्फ राहुल अहमद, मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान व सलाहुद्दीन जैनुद्दीन शेख के खिलाफ एटीएस ने विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। एटीएस ने इन सभी के खिलाफ छल, आपराधिक साजिश, सामाजिक शांति को भंग करना, राष्ट्रीय अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला कृत्य करना, धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आशय से धार्मिक विश्वासों का अपमान करना और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से प्रतिकूल शब्दों का प्रयोग करने में आरोप पत्र दाखिल किया है।

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इस मामले के विवेचक व एटीएस के निरीक्षक अनिल कुमार विश्वमकर्मा ने इसके साथ ही मुल्जिमों के खिलाफ उप्र विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 की धारा 3 (छल, बल, कपट, लालच अथवा विवाह के द्वारा किसी व्यक्ति का धर्म परिवर्तन करना), 5 (इस धारा में सजा का प्रावधान है) व धारा 8 (धर्म परिवर्तन से 60 दिन पहले जिलाधिकारी को आवेदन देना, ऐसा नहीं करने पर सजा व जुर्माना) में भी आरोप पत्र दाखिल किया है। सूबे में इस अधिनियम के लागू होने के बाद यह पहला आरोप पत्र है। एटीएस की विशेष अदालत में आरोप पत्र पर संज्ञान के मसले पर सुनवाई अभी बाकी है।

एटीएस ने इस मामले में 10 मुल्जिमों को देश के विभिन्न प्रांतों से गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा है। शेष चार मुल्जिम प्रसाद कावरे उर्फ एडम उर्फ आदम, अर्सलान उर्फ भूप्रिय विंदो, कौसर आलम व डा. फराज शाह के खिलाफ विवेचना अभी प्रचलित है। इस मामले की एफआआर थाना एटीएस में दर्ज हुई थी।

विशेष अदालत में दाखिल आरोप पत्र के मुताबिक मुल्जिमों द्वारा एक साजिश के तहत धार्मिक उन्माद, विद्वेष तथा नफरत फैलाकर देशव्यापी अवैध धर्मातंरण गिरोह का संचालन किया जा रहा था। इनके तार अंतराष्ट्रीय स्तर पर भी जुड़े हैं। इसके लिए इन्हें विदेशों से हवाला के जरिए रकम भेजी जा रही थी। इनके द्वारा आर्थिक रुप से कमजोर महिलाओं व दिव्यांगजनों को बहला-फुसलाकर व अनुचित दबाव डालकर एक आर्गनिक मैकेनिज्म के तहत जनसंख्या संतुलन बदलने के लिए बड़े पैमाने पर धर्मातंरण किया जा रहा था। इसकी वजह से देश में आपसी सांपद्रायिक सौहार्द को खतरा पैदा हो रहा था।


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