आत्मनिर्भर भारत अभियान : बाजार से 35 हजार करोड़ रुपये और कर्ज ले सकेगा उत्तर प्रदेश
विशेष आर्थिक पैकेज के तहत राज्यों के कर्ज लेने की सीमा को उनके जीएसडीपी के तीन प्रतिशत से बढ़ाकर पांच फीसद करने के एलान से यूपी 35825.86 करोड़ रुपये का कर्ज और ले सकेगा।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए घोषित विशेष आर्थिक पैकेज के तहत राज्यों के कर्ज लेने की सीमा को उनके सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के तीन प्रतिशत से बढ़ाकर पांच फीसद करने के एलान से उत्तर प्रदेश चालू वित्तीय वर्ष में 35,825.86 करोड़ रुपये का कर्ज और ले सकेगा।
कोरोना संकट से लड़खड़ाई अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को बताया कि कोरोना आपदा के कारण आर्थिक संकट झेल रहे राज्यों की मुश्किल आसान करने के लिए केंद्र ने राज्यों की कर्ज लेने की सीमा को उनके जीएसडीपी के तीन प्रतिशत से बढ़ाकर पांच प्रतिशत करने का फैसला किया है।
गौरतलब है कि राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम (एफआरबीएम एक्ट) के तहत राज्य अपने जीएसडीपी के तीन प्रतिशत की सीमा तक कर्ज ले सकते हैं। कोरोना आपदा की विषम परिस्थितियों को देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्यों की मांग पर एफआरबीएम एक्ट के इस प्रावधान को शिथिल कर दिया है। केंद्र ने राज्यों को अब उनके जीएसडीपी के पांच फीसद की सीमा तक कर्ज लेने की छूट दे दी है।
चालू वित्तीय वर्ष के बजट में राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद 17,91,263 करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया है। अभी तक उत्तर प्रदेश जीएसडीपी के तीन प्रतिशत की सीमा तक यानी 53737.89 करोड़ रुपये कर्ज ले सकता था। इस सीमा को बढ़ाकर पांच फीसद किये जाने से अब उत्तर प्रदेश 89563.15 करोड़ रुपये कर्ज ले सकता है। इस हिसाब से उत्तर प्रदेश पहले की तुलना में अब 35,825.26 करोड़ रुपये अतिरिक्त कर्ज ले सकता है।