केंद्र में सरकार किसी भी पार्टी की हो खेलमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ही रहें : सुधा सिंह
एशियन गेम्स की रजत पदक सुधा सिंह शनिवार को दैनिक जागरण कार्याल पहुंची। सुधा ने खेलमंत्री की जमकर की तारीफ। कहा, खिलाडिय़ों को अब सुविधाओं का टोटा नहीं ।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। स्कूल की पढ़ाई और टीचर की डांट से डरकर ट्रैक का रुख करने वाली रायबरेली की नन्हीं सी लड़की ने शायद तब नहीं सोचा था कि घर से स्टेडियम की यह दौड़ उसे देश और दुनिया में पहचान दिलायेगी। अपनी तेजी और हौंसलों की उड़ान के बूते आज वह लाखों लड़कियों की रोल मॉडल है। बात हो रही है रायबरेली की होनहार बेटी सुधा सिंह की जिसने अभावों को दरकिनार कर उन लाखों लालों के सामने मिसाल पेश की है, जो प्रतिभा होने के बावजूद अभावों और मुश्किलों के आगे हार मान लेते हैं।
शनिवार को सुधा सिंह जागरण कार्यालय पहुंची तो पदक की खुशी और भविष्य में और बेहतर करने का आत्मविश्वास चेहरे पर झलक रहा था। उत्साह से लबरेज सुधा ने कहा कि देश के लिए पदक जीतने से बड़ा कुछ नहीं है। जब तक जीतती रहूंगी ट्रैक पर दौड़़ती रहूंगी। जकार्ता में भारत की कामयाबी की दास्तां के पीछे क्या राज है। इस सवाल पर सुधा ने कहा कि अब खिलाडिय़ों को सुविधाओं के लिए अफसरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ रहे हैं। वाकई खेल मंत्रालय में बदलाव आया है और दो-तीन दिन में खिलाडिय़ों की जरूरतों को पूरा किया जा रहा है। इन सबके पीछे खेलमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर का योगदान है।
सुधा ने बताया कि राज्यवर्धन सर इवेंट के दौरान ट्रैक के पास ही खड़े होकर उत्साहवर्धन कर रहे थे। रेस खत्म होने के बाद उन्होंने पास आकर बधाई दी और स्टीपल चेज के बारे में पूछा। सर ने वहीं पर ट्रैक पर हर्डल और वॉटर जंप के बारे में जानकारी ली। जब हम लोग प्रधानमंत्री जी से मिले तो खेलमंत्री ने वहीं पर मेरी रेस के बारे में बताया। यह वही कर सकता है, जो खेल और खिलाडिय़ों को समझता हो। मैं तो यही कहूंगी कि सरकार किसी की हो खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह ही बने रहें।
जल्द ही शुरू करेंगी नई पारी
सुधा सिंह को प्रदेश सरकार ने खेल विभाग में डिप्टी डायरेक्टर बनाने की घोषणा की है। सुधा सिंह का कहना है कि अपने प्रदेश में नौकरी मिलने पर खुश हूं। जल्द ही ज्वाइनिंग कर नई पारी शुरू करूंगी।