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सेना में भर्ती कराने वाले ग‍िरोह के सदस्‍य की तालश में टीम पहुंची लखनऊ, मुख्यालय में तैनात जवान गायब

एसटीएफ ने गोपनीय दस्तावेज वाट्सएप के जरिए लीक करने के आरोप में दो जवानों समेत चार लोगों को प्रयागराज से पकड़ा था।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Tue, 21 Jan 2020 06:29 PM (IST)Updated: Wed, 22 Jan 2020 08:16 AM (IST)
सेना में भर्ती कराने वाले ग‍िरोह के सदस्‍य की तालश में टीम पहुंची लखनऊ, मुख्यालय में तैनात जवान गायब
सेना में भर्ती कराने वाले ग‍िरोह के सदस्‍य की तालश में टीम पहुंची लखनऊ, मुख्यालय में तैनात जवान गायब

लखनऊ, जेएनएन। प्रयागराज में सेना में भर्ती कराने के रैकेट के तार लखनऊ तक जुड़ गए हैं। एसटीएफ के साथ खुफिया एजेंसियों ने मंगलवार को छावनी स्थित सेना भर्ती कार्यालय पर संपर्क किया। यहां पता चला कि आरोपी जवान गायब हो गया है। अब उसके मूल पते पर छापेमारी की जा रही है। 

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लखनऊ सेना भर्ती कार्यालय में नायक रैंक के जवान पर सेना भर्ती से जुड़े कई गोपनीय दस्तावेज वाट्सएप के जरिए लीक करने का आरोप है। एसटीएफ ने दो जवानों सहित चार लोगों को सोमवार को प्रयागराज में पकड़ा था। उनसे पूछताछ के आधार पर ही इस रैकेट के यूपी के कई जिलों तक फैलने का पता चला था। पूछताछ में राजस्थान में तैनात एक जवान के अलावा सेना भर्ती कार्यालय लखनऊ में तैनात जवान के संलिप्त होने का पता चला था। पकड़े गए लोगों ने बताया था कि लखनऊ में ही तैनात यह जवान सेना में भर्ती कराने का दावा करता था। साथ ही वह भर्ती से जुड़े गोपनीय दस्तावेज भेज देता था।

लखनऊ के सैन्य अस्पताल में भी इस जवान की जान पहचान है,  जहां मेडिकल पास कराने के नाम पर ही 60 हजार रुपये तक वह वसूल लेता था। इस जवान से पूछताछ करने के लिए एसटीएफ और खुफिया एजेंसियों ने मंगलवार को सेना भर्ती कार्यालय पर संपर्क किया था। यहां पता चला कि जवान ड्यूटी नहीं आ रहा। बिना सूचना दिए वह अनुपस्थित है। टीम छावनी स्थित उसके घर पहुंची तो यहां भी ताला लगा मिला। एसटीएफ अब आरोपी जवान के मूल पते और संभावित ठिकानों पर छापेमारी करेगी। साथ ही उसकी कॉल डिटेल के आधार पर उसके लखनऊ के और कनेक्शन को भी तलाशा जाएगा। इस खेल में लखनऊ के साथ अमेठी के एक जवान से भी पूछताछ की जा सकती है।

पहले भी लगे हैं दाग

सेना भर्ती के नाम पर जालसाजी करने के मामले में इससे पहले भी दो जवानों को पकड़ा गया है। पिछले साल सीबीआइ ने भी पश्चिमी यूपी के पते से फर्जी निवास प्रमाण पत्र बनवाकर 46 युवाओं के सेना में भर्ती होने का मामला दर्ज किया था। इस खेल में दो अधिकारियों के साथ सात जवानों को उनके पद से हटाया गया था। जबकि वर्ष 2012 में लिखित परीक्षा के दौरान बार कोडिंग में हेराफेरी कर अयोग्य अभ्यर्थियों को भर्ती कराने का मामला भी पकड़ा गया था।  


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