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असम राइफल्स को गृह मंत्रालय के अधीन करना सेना को मंजूर नहीं, भेजा रक्षा मंत्रालय को पत्र

आतंकी ऑपरेशन में अहम भूमिका निभाने वाली असम राइफल्स की देश की सभी 46 बटालियन के गृह मंत्रालय में विलय के प्रस्ताव को सेना ने नामंजूर कर दिया है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sun, 29 Sep 2019 04:37 PM (IST)Updated: Mon, 30 Sep 2019 07:26 AM (IST)
असम राइफल्स को गृह मंत्रालय के अधीन करना सेना को मंजूर नहीं, भेजा रक्षा मंत्रालय को पत्र
असम राइफल्स को गृह मंत्रालय के अधीन करना सेना को मंजूर नहीं, भेजा रक्षा मंत्रालय को पत्र

लखनऊ [निशांत यादव]। सेना की असम राइफल्स की 46 बटालियन को गृह मंत्रालय से अधीन करने की योजना पर बवाल तय है। देश में असम राइफल्स को गृह मंत्रालय के अधीन करने की योजना तैयार हो रही है। इसी बीच सैन्य अधिकारियों को इस योजना की जानकारी मिलते ही इस विलय के विरोध में रक्षा मंत्रालय को एक पत्र भी भेजा गया है।

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जम्मू कश्मीर के साथ ही साथ पूर्वोत्तर में आतंकी ऑपरेशन में अहम भूमिका निभाने वाली असम राइफल्स की देश की सभी 46 बटालियन के गृह मंत्रालय में विलय के प्रस्ताव को सेना ने नामंजूर कर दिया है। सेना की ओर से रक्षा मंत्रालय को बीते सप्ताह ही एक रिपोर्ट सौंपी गई। जिसमें कहा गया कि यदि असम राइफल्स का गृह मंत्रालय में विलय किया गया तो इससे भारत-चीन सीमा की निगरानी के साथ पूर्वोत्तर और जम्मू कश्मीर में आतंकी ऑपरेशनों पर भी असर पड़ेगा।

असम राइफल्स की देश भर में 46 बटालियन हैं। इसको लेकर 2009 से अब तक गृह मंत्रालय ने रक्षा मंत्रालय को सात बार प्रस्ताव दिया है। जिसमें असम राइफल्स का प्रशासनिक और ऑपरेशनल नियंत्रण गृह मंत्रालय को देने की मांग की गई। वर्ष 2017 में जो प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय को भेजा गया। उसमें 25 बटालियन गृह मंत्रालय को देने के साथ ही 21 बटालियन को सेना के अधीन रखने का प्रस्ताव दिया गया।

सेना ने इस प्रस्ताव से भारत-म्यांमार बॉर्डर की रक्षा कमजोर होने, काउंटर इंसरजेंसी का अंदेशा जताते हुए इस प्रस्ताव को वापस कर दिया। इसके बाद गृह मंत्रालय ने नया प्रस्ताव दिसंबर 2018 में दिया जिसमें असम राइफल्स की सभी 46 बटालियन को आइटीबीपी के अधीन करने की योजना तैयार की गई है। भारतीय सेना में असम राइफल्स पैरामिलिट्री फोर्स है। इंटरनेशनल मानकों के तहत पैरामिलिट्री फोर्स वह होती है जिसके अधिकारी सेना के होते हैं। ऐसे में देश में शेष बल सेंट्रल आम्र्ड पुलिस फोर्स हैं।

कदम मिलाकर लड़ती है असम राइफल्स

सेना ने गृह मंत्रालय के प्रस्ताव पर यूं ही आपत्ति नहीं की है। इस राइफल्स को देश के अन्य हिस्सों में सेना अपनी सभी पारंपरिक टे्रनिंग देती है। सेना के साथ काम करने वाली यह सबसे पुरानी पैरामिलिट्री फोर्स है। 1962 के भारत चीन युद्ध, 1965 और 1971 के भारत तथा पाकिस्तान युद्ध में इस राइफल्स ने अहम भूमिका निभाई थी। 


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