यूपी में राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए ऑनलाइन होंगे आवेदन, माध्यमिक शिक्षा विभाग ने तैयार किए नियम
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा विभाग ने राज्य अध्यापक पुरस्कार में पारदर्शिता को बढ़ाने के लिए इस बार कई ठोस कदम उठाए हैं।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा विभाग ने राज्य अध्यापक पुरस्कार में पारदर्शिता को बढ़ाने के लिए इस बार कई ठोस कदम उठाए हैं। शिक्षकों व प्राचार्यों को इस बार ऑनलाइन आवेदन करना होगा। वह अपनी उपलब्धियों का पांच मिनट का वीडियो तैयार करेंगे। यही नहीं उनका इंटरव्यू होगा और वह डिजिटल प्रस्तुतीकरण करेंगे। विशेषज्ञों की टीम के सामने बेहतर प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों को पुरस्कार के लिए पात्र माना जाएगा।
अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला ने बताया कि पुरस्कारों के लिए नीति निर्धारित कर दी गई है और कैलेंडर भी तैयार कर लिया गया है। हर साल 15 अप्रैल से लेकर 15 मई तक शिक्षक व प्राचार्य पुरस्कार के लिए ऑनलाइन आवेदन करेंगे। 16 मई से 15 जुलाई तक जनपदीय समिति आवेदनों का परीक्षण कर स्थलीय सत्यापन कर पात्र अध्यापकों का प्रस्ताव मंडलीय समिति को उपलब्ध करवाएगी। मंडलीय समिति 16 जुलाई से 31 जुलाई तक और राज्य समिति एक अगस्त से 20 अगस्त तक चयन की प्रक्रिया पूरी करेगी।
इस बार कोविड-19 के चलते विशेष परिस्थितयों के कारण शिक्षक व प्रधानाचार्य 15 जुलाई से लेकर 30 जुलाई तक ऑनलाइन आवेदन करेंगे। जनपदीय समिति एक अगस्त से दस अगस्त तक, मंडलीय समिति 11 अगस्त से 17 अगस्त तक और राज्य स्तरीय समिति 18 अगस्त से 25 अगस्त तक पात्र शिक्षकों के चयन से संबंधित प्रक्रिया को पूरा करेगी।
शिक्षकों व प्रचार्यों के लिए निर्धारित अंकों का 40 फीसद अंक पाने वाले शिक्षक ही पुरस्कार पाने के लिए ऑनलाइन प्रस्तुतीकरण करेंगे। इसमें से तीन श्रेष्ठ शिक्षकों का चयन कर जनपदीय समिति मंडलीय समिति के पास प्रस्ताव भेजेगी। प्रत्येक मंडल से सर्वश्रेष्ठ दो-दो शिक्षकों का प्रस्ताव राज्य स्तरीय चयन समिति को भेजा जाएगा। प्रधानाचार्य और शिक्षकों को सभी कक्षाओं में विद्यार्थियों की संख्या व बीते तीन वर्षों का परीक्षा परिणाम बताना होगा। शिक्षक जो विषय पढ़ाता है, उसका रिजल्ट कैसा गया यह भी देखा जाएगा।
नवीनतम शोध के बारे में भी वह जानकारी देंगे और सभी प्रमाणपत्र ऑनलाइन अपलोड करेंगे। वहीं प्राचार्यों ने स्कूल के विकास के लिए क्या-क्या कदम उठाए इन सबका मूल्यांकन किया जाएगा। वहीं प्रधानाचार्य जो कि 15 वर्ष की सेवा दे चुके हैं और बीते पांच वर्षों से इस पद पर हैं वह ही आवेदन कर सकेंगे। शिक्षकों के लिए दस वर्ष की सेवा अवधि पूरी करना अनिवार्य है।
प्रधानाचार्य के लिए जो मूल्यांकन मानक तय किए गए हैं उसके अनुसार शिक्षण व प्रबंधन के 25 अंक होंगे। विद्यालय प्रबंधन के 36 अंक, विद्यालय के प्रदर्शन के 34 अंक और साक्षात्कार व डिजिटल प्रस्तुति के पांच अंक होंगे। इसी तरह अध्यापकों के लिए शिक्षण एवं कक्षा प्रबंधन के 25 अंक, शैक्षिक प्रबंधन के 34 अंक, शैक्षिक प्रबंधन के 36 अंक और पांच अंक डिजिटल प्रस्तुतिकरण व इंटरव्यू के होंगे। पुरस्कार के लिए अध्यापक madhyamikshiksha.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
24 जुलाई तक भेजना होगा डीएम का प्रमाणपत्र : राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए प्रेरणा वेब पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करने वाले बेसिक शिक्षकों को अपनी विशिष्ट उपलब्धियों और चरित्र के बारे में जिलाधिकारी की रिपोर्ट बीएसए के माध्यम से राज्य स्तरीय चयन समिति को 24 जुलाई तक उपलब्ध करानी होगी। बिना इसके उनका आवेदन स्वीकार नहीं होगा। बेसिक शिक्षा निदेशक डॉ सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह ने शुक्रवार को इस बारे में सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिया है। इस रिपोर्ट में शिक्षक के चरित्र, विशिष्ट शैक्षिक उपलब्धियों, नियमित उपस्थिति, उनके द्वारा किए गए इनोवेशन, स्थानीय क्षेत्र में उनकी सामान्य छवि, सामाजिक सहभागिता का संक्षिप्त विवरण, शिक्षक की उत्कृष्ट सेवाओं तथा उनके विरुद्ध कोई
प्रशासनिक/विधिक/आपराधिक/ सतर्कता जांच या कार्रवाई लंबित न होने को जिलाधिकारी द्वारा प्रमाणित किया जाएगा। गौरतलब है कि ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि पहले 30 जून तय की गई जिसे बढ़ाकर 10 जुलाई कर दिया गया था।