यूपी में प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए आवेदन शुरू, मात्र 20 दिन में शुरू कर सकते हैं Income
प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए मशीन खरीदने के पहले आवेदक को पोर्टल पर आवेदन करना होगा। पोर्टल पर जरूरी दस्तावेज अपलोड करने के बाद परिवहन विभाग की अनुमति मिलते ही आवेदक जांच की मशीन खरीद सकेंगे। यह सचल प्रदूषण केंद्र आवेदन के 20 दिन के भीतर खोले जा सकेंगे।
लखनऊ, जेएनएन। परिवहन विभाग रोजगार के साथ पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा देगा। विभाग हर थाना क्षेत्र में एक प्रदूषण जांच केंद्र खोलेगा। हाईस्कूल पास बेरोजगार व्यक्ति प्रदूषण जांच केंद्र के लिए आवेदन कर सकते हैं। प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए परिवहन विभाग ने पोर्टल बनाया है। इस पोर्टल पर गुरुवार से ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है।
प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए मशीन खरीदने के पहले आवेदक को पोर्टल पर आवेदन करना होगा। पोर्टल पर जरूरी दस्तावेज अपलोड करने के बाद परिवहन विभाग की अनुमति मिलते ही आवेदक जांच की मशीन खरीद सकेंगे। यह सचल प्रदूषण केंद्र आवेदन के 20 दिन के भीतर खोले जा सकेंगे। दैनिक जागरण ने परिवहन विभाग की इस नई पहल पर प्रमुखता से खबर को प्रकाशित किया था। अगर कोई व्यक्ति सचल प्रदूषण जांच केंद्र खोलना चाहता है तो उसके पास अपना वाहन होना चाहिए। इसमें प्रदूषण जांच उपकरण फिट होना चाहिए। इसे लेकर वह संभाग के अंतर्गत गांव, ग्रामीण बाजारों, तहसीलों, ब्लॉक और थाना क्षेत्रों समेत कई स्थानों पर वाहनों की जांच कर प्रमाणपत्र जारी करेगा।
प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए पांच हजार रुपये विभाग में जमा करना होगा। डीजल और पेट्रोल प्रदूषण जांच केंद्रों के लिए पांच हजार रुपये अलग से लगेंगे। प्रदूषण जांच केंद्र के प्राधिकार की वैधता तीन साल की होगी। उसके बाद केंद्र चलाने वाले को नवीनीकरण कराना होगा। इसके लिए उसे पांच हजार रुपये प्रति केंद्र के हिसाब से फीस जमा करनी होगी। प्रदूषण जांच केंद्र खोलने वाले व्यक्ति को पेट्रोल चलित दोपहिया वाहन पर 50 रुपये, तिपहिया पेट्रोल, सीएनजी व एलपीजी गाड़ी, चार पहिया वाहन का 70 रुपये और ट्रक व अन्य डीजल वाहन के 100 रुपये मिलेंगे।
प्रशिक्षण होगा जरूरी
ई-रिक्शा चलाने के लिए अब चालकों को 10 दिन का प्रशिक्षण लेना होगा। इसके बाद ही ई-रिक्शा का रजिस्ट्रेशन आरटीओ कार्यालय में होगा। ये प्रशिक्षण परिवहन विभाग से मान्यता प्राप्त ट्रेनिंग सेंटर में लेना होगा।
चुनाव में बसें नहीं देगा परिवहन निगम
इस बार पंचायत चुनाव में परिवहन निगम अपनी बसें किराए पर नहीं देगा। परिवहन निगम के एमडी धीरज साहू आदेश दिया है कि पंचायत चुनाव में बसों का अधिग्रहण नहीं करें। परिवहन निगम मुख्यालय ने जिलाधिकारी और जिला निर्वाचन अधिकारी को इसे लेकर एक पत्र भी भेजा है, जिसमें त्रिस्तरीय चुनाव के लिए बसें किराए पर न लेने का अनुरोध किया गया है।