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Eid-ul-Azha 2020: घर में पढ़ें नमाज, साढ़े बावन तोला चांदी की हैसियत वालों को कुर्बानी जरूरी

Eid ul Azha 2020 सजा बाजार नियम हुए तार-तार। कैंपवेल रोड व पक्का के पास लगी बकरा मंडी। अमीनाबाद व चौक क्षेत्र में उमड़ी खरीदारों की भीड़।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Fri, 31 Jul 2020 05:17 PM (IST)Updated: Sat, 01 Aug 2020 07:04 AM (IST)
Eid-ul-Azha 2020: घर में पढ़ें नमाज, साढ़े बावन तोला चांदी की हैसियत वालों को कुर्बानी जरूरी
Eid-ul-Azha 2020: घर में पढ़ें नमाज, साढ़े बावन तोला चांदी की हैसियत वालों को कुर्बानी जरूरी

लखनऊ, जेएनएन। ईद-उल अजहा बकरीद को लेकर शुक्रवार को बाजार की रौनक पूरी शबाब पर रही। अमीनाबाद व चौक में तिल रखने तक की जगह नहींं थी। कपड़ों के साथ ही खाने के सामानों की खूब खरीदारी की गई। तो कैंपवेल रोड और पक्कापुल के पास लगी बकरा मंडी में कोरोना संक्रमण को लेकर बनाए गए नियम भी तार-तार हो गए। शारीरिक दूरी तो छोड़िए मास्क तक कोई लगाए नहीं था। शनिवार को होने वाले बकरीद को लेकर हर ओर रौनक नजर आ रही थी। हल्की बारिश की वजह से मौसम भी ठीक होग गया। पक्कापुल के पास लगी बकरा मंडी में बकरा खरीदने आए नदीम ने बताया कि पिछले साल के मुकाबले बकरे महंगे मिल रहे हैं। पिछली बार छोटा बकरा सात से आठ हजार में मिल रहा था, इस बार 10 से 15 हजार का मिल रहा है। कोरोना संक्रमण के चलते ग्रामीण इलाकों से लोग यहां बकरा बेचने नहीं आ रहे हैं। आमद कम होने से दाम बढ़ गए हैं।

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कैंपवेल रोड पर बकरे बिकने से जाम भी लग रहा है और लोग शारीरिक दूरी का पालन भी नहीं कर रहे हैं। महिलाएं भी बकरा बेचने आई लेकिन किसी ने मुंह को नहीं ढक रखा था। अगले तीन दिनों तक कुर्बानी का दौर चलेगा। शहर से दूर ग्रामीण इलाकों में दाम कम होने से कुछ लोग ग्रामीण क्षेत्र में जाकर बकरे ला रहे हैं। मौलानाओं ने भी घरों में नमाज पढ़ने और कुर्बानी के दौरान सुरक्षा मानकों का ध्यान रखने की अपील की है। शनिवार को सुबह पांच बजे से कुर्बानी का दौर शुरू हो जाएगा और तीन अगस्त को शाम चार बजे तक कुर्बानी दी जा सकेगी।

खाल को जमीन में करें दफन : कुर्बानी की खाल काे मदरसों में दान करने का प्रावधान है। जहां खाल को बेचकर वहां पढ़ने वाले यतीम व गरीब बच्चों की मदद की जाती है। इमाम ईदगाह मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि इस समय मदरसे बंद हैं। ऐसे में मदरसों में आप खाल नहीं दे पा रहे हैं तो खाल को फेकने के बजाय जमीन में दफन कर दें। कुर्बानी की खाल कुर्बानी करने वाला बेच नहीं सकता।

साढ़े बावन तोला चांदी की हैसियत वाले को कुर्बानी जरूरी

इमाम ईदगाह मौलाना खालिद रशीद की ओर से चलाई जा रही हेल्पलाइन के सवालों के जवाब में मौलाना ने कहा कि हर उस शख्स को कुर्बानी करना वाजिद है, जिसके पास साढ़े बावन तोला चांदी या उसके बराबर का सामान हो। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि कोरोना संक्रमण वाले रेड जोन में रहने वाले कुर्बानी की रकम दूसरे को देकर कुर्बानी करा सकते हैं। जिस पर कुर्बानी वाजिद है उसे हर साल कुर्बानी करानी चाहिए। कुर्बानी के नीयत से बकरा पालने वाले को उसे बेचना वाजिब नही है। उसकी कुर्बानी जरूरी है। जानवर पर किसी प्रकार का ऐब है तो उसकी कुर्बानी नहीं की जा सकती। मौलाना ने कहा कि तीन अगस्त तक हेल्पलाइन चालू रहेगी। दोपहर दो बजे से शाम चार बजे तक मोबाइल नंबरों 9335929670, 7007705774, 9415102947 व 9580112032 और वेब साइट www.farangimahal.in के माध्यम से सवाल पूछे जा सकते हैं। 

मौलानाओं की अपील 

प्रशासन के नियमों का करें पालन : बाजारों और सार्वजनिक स्थानों पर निकलने से पहले मास्क जरूर लगाए। त्योहर मनाएं लेकिन खुद के साथ ही दूसरों की सुरक्षा का ख्याल जरूर रखें। कुर्बानी के दौरान सफाई जरूर रखेें जिससे आपका का परिवार और समाज के लोग सुरक्षित रहे। कर्बानी के दौरान होने वाली गंदगी को निर्धारित स्थान पर ही डालें। कुर्बानी का कुछ हिस्सा गरीबों में जरूर बांटें। कुर्बानी की रकम भी गरीबों में बाटा जा सकता है। -मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली, इमाम ईदगाह

संक्रमण रोकने में करें सहयोग : कोरोना संक्रमण का खौफ बढ़ता जा रहा है। ईद की भांति बकरीद में भी समाज के लोग कोरोना संक्रमण को रोकने में सहयोग करें और सरकार द्वारा बनाए गए नियमों का पालन करें। प्रशासन के नियम आपकी समाज की भलाई के लिए हैं। कुर्बानी के दौरान सफाई के साथ ही सुरक्षा का पूरा ध्यान रखें जिससे आप के साथ आपके करीबी भी संक्रमण से बच सकें। इस संकट की घड़ी में हम सभी एक दूसरे का सहयोग करना चाहिए। -मौलाना कल्बे जवाद नकवी, इमाम-ए-जुमा

खुद के साथ समाज को बचाएं : संक्रमण के इस काल में सभी से अपील है कि प्रशासन के नियमों का पालन करें। कुर्बानी के दौरान शरीरिक दूरी, मास्क और दस्ताने का जरूर ध्यान रखें। सोशल मीडिया के माध्यम से कुर्बानी की तस्वीरों को शेयर करने से बचे। अपने घरों में रहकर नमाज पढ़े और कुर्बानी करें। परेशान लोगों की मदद करें और सुरक्षित रहकर समाज को भी सुरक्षित रखें। किसी के बहकावे में न आएं और कुर्बानी की गंदगी को इधर-उधर फेकने से बचें। - मौलाना फजले मन्नान, इमाम, टीलेवाली मस्जिद

गरीबों की करें मदद : कोरोना संक्रमण काल में कुर्बानी का कुछ हिस्सा गरीबों को देकर उनकी मदद करें। ईद की भांति आपको नियमाें के पालन के साथ ही खुद और समाज को बचाने के लिए तैयार रखना है। प्रशासन के नियमों का पालन करके समाज को एक संदेश दें जिससे अापकी समाज में तारीफ हो सके। किसी के बहकावे में आने के बजाय कुर्बानी करें और शांति से अपना त्योहार मनाएं। संक्रमण की बढ़ती संख्या की वजह से बाहर जाने के बजाय घर में ही नमाज अदा करें।  -मौलाना अबुल इरफान मियां फरंगी महली, शहर-ए-काजी 


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