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अपर्णा यादव एक बार फिर समाजवादी पार्टी के खिलाफ, ट्रिपल तलाक बिल का समर्थन

ट्रिपल तलाक बिल पर समाजवादी पार्टी के रुख के विपरीत मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव ने केन्द्र सरकार का एक अच्छा कदम बताते हुए इस बिल का स्वागत किया है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sun, 30 Dec 2018 04:29 PM (IST)Updated: Mon, 31 Dec 2018 06:52 PM (IST)
अपर्णा यादव एक बार फिर समाजवादी पार्टी के खिलाफ, ट्रिपल तलाक बिल का समर्थन
अपर्णा यादव एक बार फिर समाजवादी पार्टी के खिलाफ, ट्रिपल तलाक बिल का समर्थन

लखनऊ, जेएनएन। समाजवादी पार्टी के सरंक्षक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू एक बार फिर समाजवादी पार्टी के स्टैंड के खिलाफ हैं। ट्रिपल तलाक बिल का समाजवादी पार्टी ने विरोध किया है, जबकि अपर्णा यादव ने ट्रिपल ताल बिल का समर्थन करते हुए कहा एनसीआरबी के आंकड़े यूपी में महिलाओं को सुरक्षित बताते हैं।

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ट्रिपल तलाक बिल पर समाजवादी पार्टी के रुख के विपरीत मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव ने केन्द्र सरकार का एक अच्छा कदम बताते हुए इस बिल का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि विधेयक को राज्यसभा में भी पारित होना चाहिए। ट्रिपल तलाक पर समाजवादी पार्टी के कदम के खिलाफ अपर्णा यादव के बयान से पार्टी असहज हो रही है। बीते विधानसभा चुनाव में लखनऊ कैंट से समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी रहीं अपर्णा यादव के विचार उनकी पार्टी के आधिकारिक रुख के विपरीत हैं। इस बिल के बारे में समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया गया था कि विधेयक भाजपा का इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने का प्रयास है।

लोकसभा में 27 दिसंबर को ट्रिपल तलाक बिल पर बहस के दौरान बदायूं से समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा कि ट्रिपल तालक एक सामाजिक मुद्दा था और भाजपा इस मामले का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रही थी। मुस्लिम महिलाओं (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) विधेयक 2018 को निचले सदन ने 245 सांसदों के पक्ष में मतदान किया और 11 ने इसका विरोध किया। समाजवादी पार्टी के विधायकों के अलावा एआइडीएमके, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के सांसद बाहर चले गए।

अपर्णा यादव ने लोकसभा में विधेयक पारित करने के केंद्र के प्रयास की प्रशंसा की। उन्होंने आगे जोर देकर कहा कि अगर हम राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) को देखेंगे, तो हम पता चलेगा कि हमारे देश में, खासकर उत्तर प्रदेश में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। न केवल महिलाओं को, बल्कि पुरुषों को भी कानूनों की जानकारी होनी चाहिए। ट्रिपल तलाक बिल का मामला बीते वर्ष अगस्त में संसद में उठाया गया था।


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