उत्तर प्रदेश में अग्रिम जमानत जल्द बहाल होगी, योगी सरकार लाएगी संशोधित बिल
ये जानकारी सोमवार को प्रदेश सरकार की ओर से एडीशनल एडवोकेट जनरल ऐश्वर्या भाटी ने सुप्रीम कोर्ट को दी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में जल्दी ही अग्रिम जमानत के प्रावधान एक बार फिर बहाल हो सकते हैं। प्रदेश की योगी सरकार इस बाबत जल्दी ही संशोधित बिल लाएगी। ये जानकारी सोमवार को प्रदेश सरकार की ओर से एडीशनल एडवोकेट जनरल ऐश्वर्या भाटी ने सुप्रीम कोर्ट को दी।
सुप्रीम कोर्ट मे संजीव भटनागर की जनहित याचिका लंबित है जिसमें उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में अग्रिम जमानत का प्रावधान न होने का मुद्दा उठाया गया है। याचिका में नागरिकों के समानता के अधिकार की दुहाई देते हुए इन दोनों राज्यों में भी अग्रिम जमानत के प्रावधान लागू किये जाने की मांग की गई है।
सोमवार को मामले पर सुनवाई के दौरान प्रदेश की वकील ऐश्वर्या भाटी ने न्यायमूर्ति एसए बोबडे व न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की पीठ को बताया कि सरकार अग्रिम जमानत के प्रावधान बहाल करने के लिए जल्दी ही संशोधित प्रारूप में बिल लाएगी।
प्रदेश सरकार की ओर से दिये गए इस बयान पर कोर्ट ने संतुष्टि जताते हुए याचिकाकर्ता से कहा कि उन्हें फिलहाल इस पर जोर देने की जरूरत नहीं है। इसके बाद पीठ ने उत्तराखंड के वकील से कहा कि वे भी निर्देश लेकर अगली सुनवाई पर कोर्ट को सूचित करें।
उत्तर प्रदेश में 1975 में कानून में संशोधन कर अग्रिम जमानत के प्रावधान समाप्त कर दिये गये थे। इसके बाद 2010 में मायावती सरकार ने इसे दोबारा बहाल करने के लिए बिल पास किया था लेकिन तत्कालीन राष्ट्रपति ने कुछ तकनीकी आधारों पर बिल दोबारा विचार के लिए राज्यपाल को वापस भेज दिया था। इसके बाद ये मामला ठंडे बस्ते मे चला गया था। पिछली सुनवाई पर कोर्ट प्रदेश सरकार से कहा था कि वो अग्रिम जमानत के बावत अपना रुख साफ करे।