ड्राइवर ने झपकी ली तो बजेगा अलार्म, चेताने के साथ खुद ही लग जाएगा ब्रेक
स्लीप मोड में मिले चालक तो सेंसर ने किया अलर्ट। सटाकर ओवरटेक किया 505 बार रुकी बस।
लखनऊ, नीरज मिश्र। बस चलाते वक्त अब लापरवाही नहीं चलने वाली। झपकी आने या वाहन से सटाकर गाड़ी ओवरटेक की तो अलार्म बजा और बस रुक गई। यह सबकुछ रोडवेज बस में लगी एक डिवाइस ने किया है। मानवीय चूक से होने वाली जनहानि रोकने के लिए रोडवेज के लखनऊ क्षेत्र ने राजधानी से कटरा और गोरखपुर की दो बसों में एंटी कोलेजन डिवाइस (फ्रंट कोलेजन एवायडेंस सिस्टम) लगा ट्रायल शुरू किया तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। 25 से 30 जनवरी के बीच चले ट्रायल में लगाई गईं, दो रोडवेज बसों के रिकाॅर्ड खंगालने पर लापरवाही के कई मामले देखे गए।
स्लीप मोड में मिले चालक तो सेंसर ने किया अलर्ट
चालक की ओर से जब हलचल नहीं दिखी तो डैशबोर्ड पर लगे सेंसर ने अलर्ट किया और बस रुकने लगी। बस संख्या यूपी33एटी-2533 में चालक चार बार स्लीपिंग मोड में पाया गया तो बस संख्या यूपी78एफएन 5076 में ड्राइवर को दस बार झपकी लेते डिवाइस ने पकड़ा। अलर्ट मिलते ही चालक सचेत तो हुआ लेकिन तब तक सबकुछ रिकार्ड हो चुका था। यानी डैशबोर्ड पर लगे सेंसर ने चालक को 14 बार स्लीप मोड में पाया।
सटाकर ओवरटेक किया 505 बार रुकी बस
दोनों बसों के ओवरटेक करने का रिकार्ड खंगाला तो डिवाइस के टेलगेटिंग रिकार्ड में आने-जाने के दौरान वाहन से सटा कर बस निकालने के मामले में 505 बार अलर्ट आया। बस का एक्सीलेटर फ्री होने लगा और गाड़ी रुकने लगी तो चालक सचेत हुआ।
डिवाइस ऐसे करता है कार्य
डिवाइस में दो तरफ सेंसर लगे होते हैं। पहला सेंसर आगे जा रहे या सामने से आ रहे वाहन की गति नापता रहता है। जैसे ही गाड़ी की स्पीड दुर्घटना जोन के दायरे में आने वाली होती है सेंसर आगाह करना शुरू कर देता है। एक्सीलेटर फ्री हो जाता है और गाड़ी दुर्घटना जोन में पहुंचने से पहले ही रुक जाती है। इसी तरह दूसरा सेंसर ओवरटेक करने के वक्त पर्याप्त दूरी न दिखने या फिर आगे वाहन की मौजूदगी पर डिवाइस इसी तरह की बाधा पैदा करती है।
क्या कहते हैं अफसर ?
क्षेत्रीय प्रबंधक पल्लव बोस का कहना है कि दो बसों में एंटी कोलीजन डिवाइस लगा ट्रायल शुरू किया गया है। चालक सीख रहे हैं। दुर्घटना रोकने में यह डिवाइस मददगार हो सकती है।