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आउटर रिंग रोड के किनारे 104 किमी में बनेगा एक और लखनऊ

आठ साल में पूरा हो जाएगा नये लखनऊ का विकास, एलडीए कुछ जगह करेगा अर्जन कहीं कहीं निजी विकासकर्ता होंगे। बख्शी का तालाब से, कुर्सी रोड, देवा, फैजाबाद रोड, सुल्तानपुर रोड, रायबरेली, कानपुर, हरदोई रोड से वापस सीतापुर रोड।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 14 Nov 2018 08:09 PM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 08:12 AM (IST)
आउटर रिंग रोड के किनारे 104 किमी में बनेगा एक और लखनऊ
आउटर रिंग रोड के किनारे 104 किमी में बनेगा एक और लखनऊ

लखनऊ, जेएनएन। आउटर रिंग रोड कुर्सी रोड से गोसाईगंज सुल्तानपुर रोड के बीच 25 दिसंबर से शुरू किये जाने की तैयारी है। इसमें पूरा निर्माण अगले साल के अंत तक होगा। जिसके बाद 104 किमी के दायरे में एक नया लखनऊ स्वरूप लेगा। मास्टर प्लान-2031 में आउटर रिंग रोड के चारों ओर अधिकांश लैंडयूज तय किये जा चुके हैं। प्राधिकरण 104 किमी के इस दायरे को शहीद पथ की तर्ज पर विकसित कर के नये लखनऊ को विकसित करेगा। ये विकास अगले आठ साल में पूरा हो जाएगा।

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इन क्षेत्रों में होगा नये सिरे से विकास

आउटर रिंग रोड में लखनऊ समेत बाराबंकी के देवा, नवाबगंज तहसील समेत 43 गांव शामिल होंगे। इस प्रोजेक्ट के तहत दोनों जिलों से करीब 1500 एकड़भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है।

लखनऊ में बनने वाली आउटर रिंगरोड पूरे लखनऊ के साथ साथ आस पास के क्षेत्रों को भी कवर करेगी। ये रोड बख्शी का तालब से लेकर पूरे शहर को घेरते हुए कानपुर रोड तक जाएगी। इसमें न केवल एलडीए और आवास विकास बल्कि कानपुर रोड पर लीडा क्षेत्र के गांव भी शामिल होंगे।

बीकेटी से वापस बीकेटी तक होगा विकास

आउटर रिंग रोड की शुरुआत बख्शी  का तालाब के आगे डिगोई गांव से की गई जहां से होते हुए ये कुर्सी रोड के पास, गांव बेहटा के साथ बाराबंकी के निंदूरा के गांवों को छूते हुए देवा क्षेत्र को जोड़ रहा है। गांव जबरीखुर्द, कटालीपुरवा, गोसाईंगपुरवा, सरसौंधी, मुरादाबाद, मुजफ्फरमऊ और डु़मरीपुरवा गांव को भी छू रहा है। यहां तक बाराबंकी के बाद आउटर रिंग रोड दोबारा लखनऊ सीमा में प्रवेश करेगा। इंदिरा कैनाल के पास गोयल हाइट्स अपार्टमेंट के पास से आउटर रिंग रोड निकलेगा।  सुल्तानपुर रोड पर एपीआई अंसल की हाइटेक टाउनशिप से यह रोड गुजरते हुए नगराम के गांव दाऊद नगर से गुजरेगा। आगे रायबरेली रोड के गांव कल्ली पश्चिम के पास से रिंग रोड निकलेगी। यहां से कानपुर रोड पर लीडा क्षेत्र में अगला पड़ाव होगा। इसके आगे मोहान रोड का गांव फतेहगंज आउटर रिंग रोड का हिस्सा होगा। यहां से आइआइएम रोड के पीछे से होते हुए चंद्रिका माता मंदिर के पास से आउटर रिंग रोड वापस बख्शी का तालाब पहुंचेगा।

19 किमी का शहीद पथ होगा मॉडल

इस विकास में 19 किमी का शहीद पथ मॉडल होगा। शहीद पथ के शुरू होने के 10 साल में यहां पूरी तरह से विकास हो चुका है। कुछ इसी तर्ज पर आउटर रिंग रोड के दोनों ओर भी नियोजित विकास की तैयारी है।

क्या कहते हैं लविप्रा उपाध्यक्ष ?

लविप्रा उपाध्यक्ष प्रभु एन. सिंह के मुताबिक, आउटर रिंग रोड के किनारे किनारे विकास योजना बनाई जा रही है। लैंडयूज तय हैं। तीन जगह तो हमारी योजना ही आउटर रिंग रोड को छू रही है। जिसमें मोहान रोड भी शामिल है। बाकी विकास किया जाएगा।


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