गैंगेस्टर विकास दुबे के भाई दीप प्रकाश के खिलाफ लखनऊ में एक और FIR, एसआइटी ने दी रिपोर्ट
एफआइआर एसआइटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई है। प्रतिबंधित बोर के असलहे के साथ पकड़ा गया था दीप विकास आरोपित ने छिपाया था भाई का आपराधिक इतिहास। यह असलहा दीप प्रकाश के नाम पर था जिसे विकास अपने साथ लेकर चलता था।
लखनऊ, जेएनएन। कुख्यात विकास दुबे के भाई दीप प्रकाश उर्फ दीपक दुबे के खिलाफ कृष्णानगर कोतवाली में एक और एफआइआर दर्ज की गई है। यह एफआइआर एसआइटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई है। आरोप है कि वर्ष 2017 में विकास दुबे को एसटीएफ ने प्रतिबंधित बोर के असलहे के साथ पकड़ा था। यह असलहा दीप प्रकाश के नाम पर था, जिसे विकास अपने साथ लेकर चलता था।
एसआइटी की रिपोर्ट में बताया गया है कि विकास को जब कृष्णानगर पुलिस ने आर्म्स एक्ट के तहत गिरफ्तार कर जेल भेजा था तब उसकी जमानत दीप प्रकाश ने कराई थी। खास बात यह है कि जमानत कराने के दौरान दीप प्रकाश ने ना केवल पुलिस बल्कि न्यायालय से भी विकास के अपराधिक इतिहास की जानकारी छिपा ली थी। विकास दुबे पर कानपुर में कई मामले दर्ज थे, जिसकी सूचना जमानत लेते समय संबंधित कोर्ट को नहीं दी गई थी। एसआइटी ने जांच के बाद शासन को प्रेषित रिपोर्ट में दीप प्रकाश के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने की संस्तुति की थी, जिसके बाद यह कार्यवाही की गई है।
तत्कालीन इंस्पेक्टर पर भी हुई है कार्यवाही की संस्तुति
इस प्रकरण में तत्कालीन इंस्पेक्टर कृष्णानगर अंजनी कुमार पांडेय के खिलाफ भी लघु दंड की कार्यवाही की संस्तुति एसआइटी ने जांच रिपोर्ट में की है। इंस्पेक्टर पर शिथिल पर्यवेक्षण का आरोप है। एसआईटी ने जांच के दौरान तत्कालीन इंस्पेक्टर और सीओ कृष्णानगर लाल प्रताप से पूछताछ भी की थी। अंजनी कुमार पांडेय के पास वर्तमान में हजरतगंज कोतवाली का प्रभार है।
ये है मामला
गौरतलब है कि कानपुर के विकरु में दबिश पड़ गई पुलिस टीम पर विकास दुबे ने साथियों संग मिलकर हमला बोल दिया था गोलीबारी में डिप्टी एसपी समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। एसटीएफ ने विकास दुबे को उज्जैन से गिरफ्तार किया था। उज्जैन से वापस लाते समय आरोपित ने कानपुर में पुलिस की गाड़ी से भागने की कोशिश की थी। इस दौरान एसटीएफ से हुई मुठभेड़ में पांच लाख का इनामिया विकास दुबे मारा गया था।