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पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी बसपा से निष्कासित

बहुजन समाज पार्टी से पूर्व सांसद अनिल शुक्ल वारसी और पूर्व विधायक प्रतिभा शुक्ला ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। दिल्ली में इस्तीफा देने के बाद उन्होंने भावी रणनीति नहीं बताई है। पार्टी ने उन्हें निकाले जाने की घोषणा की है। माना जा रहा है कि अब वह भाजपा

By Nawal MishraEdited By: Published: Thu, 13 Aug 2015 12:29 AM (IST)Updated: Thu, 13 Aug 2015 12:34 AM (IST)
पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी बसपा से निष्कासित

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी से पूर्व सांसद अनिल शुक्ल वारसी और पूर्व विधायक प्रतिभा शुक्ला ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। दिल्ली में इस्तीफा देने के बाद उन्होंने भावी रणनीति नहीं बताई है। पार्टी ने उन्हें निकाले जाने की घोषणा की है। माना जा रहा है कि अब वह भाजपा का दामन थामेंगे।

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सपा छोड़कर बसपा में आए वारसी कानपुर की बिल्हौर लोकसभा सीट से उपचुनाव में जीतकर सांसद बने थे तभी उनकी पत्नी प्रतिभा शुक्ला भी राजनीति में आ गईं और पूर्व चौबेपुर विधानसभा सीट से विधायक चुनी गईं। लोकसभा और विधानसभा सीटों का पुन: सीमांकन होने में चौबेपुर सीट समाप्त हो गई और प्रतिभा शुक्ला को नवगठित अकबरपुर रनियां से 2012 में टिकट दिया गया किंतु वह हार गईं। 2014 के लोकसभा चुनाव में वारसी अकबरपुर संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़े और हार गये। हार के बाद भी प्रतिभा को 2017 और वारसी को 2019 के लिए प्रत्याशी घोषित किया गया किंतु क्षेत्र में उनका विरोध भी शुरू हो गया। इधर पार्टी में सक्रिय नेताओं ने एक डिग्र्री कालेज के प्रबंधक सतीश शुक्ला को रनियां विधानसभा सीट से दावेदारी करा दी और वह सक्रिय भी हो गए जिससे प्रतिभा को टिकट कटता नजर आने लगा। नेता दंपती ने इन्हीं बातों को भांपकर पार्टी की बैठकों में जाना तक बंद कर दिया। बताते हैं कि इन बातों को लेकर ही पिछले दिनों वह लखनऊ में पार्टी मुखिया मायावती से मिलने गए थे किंतु उन्होंने व्यस्तता के चलते मना कर दिया। हालांकि उस समय तक महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी मनोज शुक्ल के कर्ज वाली शिकायत पहुंच चुकी थी।

बसपा जिलाध्यक्ष जगदेव कुरील ने बताया कि पार्टी प्रमुख के निर्देश पर वारसी और प्रतिभा को अनुशासनहीनता, पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने और कार्यकर्ताओं से अशोभनीय व्यवहार के कारण पार्टी से निकाल दिया गया है। पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी का कहना है कि पार्टी द्वारा लगातार भारी रकम मांगी जा रही थी, जोनल कोआर्डिनेटर भी लगातार दुव्र्यवहार कर रहे थे। इसी से क्षुब्ध होकर पत्नी के साथ बसपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते हुए विधानसभा और लोकसभा का टिकट वापस कर रहा हूं। अब 15 अगस्त को भावी रणनीति तय होगी। जोनल कोआर्डिनेटर अशोक सिद्धार्थ ने बताया कि दोनों ने पार्टी की बैठकों में आना बंद करने के साथ फोरम में चर्चा की जाने वाली बातें सार्वजनिक करना शुरू कर दिया था। दिल्ली में आज सेंट्रल हाल के बाहर जब इन लोगों ने पार्टी मुखिया मायावती से जबरन मिलने की कोशिश की तो उन्होंने वहीं से इन्हें पार्टी से निकालने का निर्देश दे दिया।


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