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बजट के साथ बढ़ा मौतों का आंकड़ा, छह माह में 14 फीसद से अधिक गई जानें

बीते छह माह के दौरान सड़क दुर्घटनाओं में 12.55 फीसद और मृतकों की संख्या में 14.20 फीसद से अधिक का इजाफा हुआ है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Mon, 24 Sep 2018 01:06 PM (IST)Updated: Mon, 24 Sep 2018 01:06 PM (IST)
बजट के साथ बढ़ा मौतों का आंकड़ा, छह माह में 14 फीसद से अधिक गई जानें
बजट के साथ बढ़ा मौतों का आंकड़ा, छह माह में 14 फीसद से अधिक गई जानें

लखनऊ[नीरज मिश्र]। सड़क सुरक्षा निधि की करीब पांच करोड़ से अधिक की धनराशि छह माह में खर्च हो गई। इसके बाद भी दुर्घटनाओं में मौत के आंकड़े घटने के बजाय और बढ़ गए। बीते छह माह के दौरान सड़क दुर्घटनाओं में 12.55 फीसद और मृतकों की संख्या में 14.20 फीसद से अधिक का इजाफा हुआ है। लखनऊ संभाग में हादसों के दौरान जान गंवाने वाले लोगों का प्रतिशत 11.19 रहा।

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यह हाल तब है जब जिले एवं मंडलवार निबंध प्रतियोगिताएं, गोष्ठियां, जागरूकता अभियान, प्रचार करतीं पब्लिसिटी वैन समेत तमाम कार्यक्रमों के दौर लगातार चलाए गए। बढ़ती दुर्घटनाओं और मृतकों की संख्या में इजाफा इस बात का साफ संकेत है कि अभी महकमे की पहल जमीन पर नहीं नजर आ रही है।

नियम पढ़ाने में खर्च हो गए पांच करोड़ से अधिक रुपये

सड़क सुरक्षा के नियम पढ़ाने को लखनऊ, वाराणसी, मेरठ, आगरा, कानपुर और बरेली क्षेत्र में दर्जन भर पब्लिसिटी वैन लगाई गईं। इन पर करीब 1.11 करोड़ से अधिक रकम खर्च की गई। वहीं निबंध प्रतियोगिता में विजेताओं को सूबे के हर जिले में हजारों की नकदी बांटी गई। लखनऊ समेत पूरे सूबे में निबंध प्रतियोगिता और गोष्ठियां आयोजित की गईं। इनमें अव्वल आए लोगों को हर जिले में पचास हजार से अधिक की रकम बांटी गई। इसके अलावा पंफलेट, स्टीकर समेत विभिन्न आयोजनों के बाद भी हासिल हिसाब शून्य रहा।

कहां गया थ्री-ई फॉर्मूला?

सड़क सुरक्षा को लेकर लोनिवि, स्वास्थ्य, शिक्षा, यातायात, पुलिस और परिवहन विभाग को मिलाकर एक कमेटी गठित की गई थी। इसमें तय हुआ कि थ्री-ई (एजूकेशन, इंजीनियङ्क्षरग और इन्फोर्समेंट) फार्मूले पर पूरी कमेटी एक साथ काम करेगी। चाहे वह ब्लैक स्पॉट चिह्नित होने के बाद रोड इंजीनियरिंग की खामियों का मसला हो या फिर शिक्षा का। तीसरा हिस्सा प्रवर्तन का था। इसमें भी प्रवर्तन दस्तों की मजबूत कार्रवाई नहीं दिखी।

सूबे का छह माह का आंकड़ा (जनवरी से जून)

वर्ष 2017

  • दुर्घटनाएं-19,479
  • मृतक-10,290
  • घायल-13,862

वर्ष 2018

  • दुर्घटनाएं-21,924
  • मृतक-11,751
  • घायल-15,318

लखनऊ संभाग-2017

  • दुर्घटनाएं-2433
  • मृतक-1358
  • घायल-1473
  • लखनऊ संभाग-2018
  • दुर्घटनाएं-2773
  • मृतक-1510
  • घायल-1674

क्या कहते हैं अफसर?

अपर परिवहन आयुक्त गंगाफल का कहना है कि बढ़ते हादसे और मृतकों की संख्या चिंताजनक है। स्थिति में सुधार के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। बैठकों के साथ उनकी मॉनीटङ्क्षरग भी की जा रही है। विभिन्न कार्यक्रमों के साथ अब प्रवर्तन कार्यों में तेजी लाई जाएगी। ठोस नतीजे जल्द देखने को मिलेंगे।


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