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लखनऊ के लोहिया पार्क में लोक कलाओं का अमृत उत्सव देशज कल से, राज्यपाल करेंगी उद्घाटन

लखनऊ में लोक कलाओं का अमृत उत्सव देशज 16 दिसंबर से मनाया जाएगा। सोनचिरैया संस्था के दस वर्ष पूरे होने पर लोक कला और कलाकारों पर केंद्रित तीन दिवसीय आयोजन होगा। गोमती नगर के डा. राम मनोहर लोहिया पार्क में शाम चार बजे राज्यपाल आनंदीबेन पटेल उत्सव का उद्घाटन करेंगी।

By Dharmendra MishraEdited By: Published: Wed, 15 Dec 2021 12:26 PM (IST)Updated: Wed, 15 Dec 2021 03:17 PM (IST)
लखनऊ के लोहिया पार्क में लोक कलाओं का अमृत उत्सव देशज कल से, राज्यपाल करेंगी उद्घाटन
लखनऊ के गोमती नगर स्थित लोहिया पार्क में 16 दिसंबर से देशज कार्यक्रम।

लखनऊ, जागरण संवाददाता।  लखनऊ में लोक कलाओं का अमृत उत्सव देशज 16 दिसंबर से मनाया जाएगा। सोनचिरैया संस्था के दस वर्ष पूरे होने पर लोक कला और कलाकारों पर केंद्रित तीन दिवसीय आयोजन होगा। गोमती नगर के डा. राम मनोहर लोहिया पार्क में 16, 17 और 18 दिसंबर को लोक संस्कृति और कलाओं का मेला सजेगा। आयोजन में विभिन्न प्रदेशों की लोक संस्कृति का गुलदस्ता सजेगा। 16 दिसंबर को शाम चार बजे राज्यपाल आनंदीबेन पटेल उत्सव का उद्घाटन करेंगी। इस अवसर पर लोक संस्कृति पर केंद्रित स्मारिका और किताब का भी विमोचन होगा।

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संस्था की सचिव लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने बताया कि 16 दिसंबर को मथुरा के कलाकार संजय शर्मा के नेतृत्व में सामूहिक लोक प्रस्तुति के साथ तीन दिवसीय लोक उत्सव की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की शुरुआत होगी। पद्मश्री से अलंकृत राजस्थानी लोक कलाकार अनवर खान के सुर सजेंगे। वहीं, महाराष्ट्र की लोक नृत्य शैली लावणी का आनंद भी उठाने को मिलेगा। पुणे की लावणी कलाकार रेशमा व दल की प्रस्तुति होगी। 17 दिसंबर को गुरु बसंत के निर्देशन में ओडिशा राज्य के पारंपरिक नृत्य गोट्टिपुआ की प्रस्तुति देखने को मिलेगी। इसके बाद उत्तर प्रदेश के लोकदल पाई डंडा/ राई फरवाही/ करमा चरकुला और धोबिया नृत्य प्रस्तुत करेंगे।

पंजाबी लोक के तहत प्रसिद्ध गायक जसबीर जस्सी की गायिकी के साथ दूसरी दिन की प्रस्तुतियों का समापन होगा। समापन समारोह 18 दिसंबर की सांस्कृतिक संध्या की शुरुआत उन गीतों से होगी, जिन्हें ब्रिटिश राज ने प्रतिबंधित कर दिया था। गीतों के जरिए लोकगायिका मालिनी अवस्थी की जुबानी भारत की आजादी की कहानी 'मुक्तिगाथा' प्रस्तुत की जाएगी। अगली प्रस्तुति पद्मश्री से अलंकृत अनूप पांडेय के बस्तर बैंड की होगी। बस्तर बैंड में कोईतोर समाज, जिनमें लोक समाज के पारंपरिक एवं संस्कारों में प्रयुक्त वाद्य संगीत, सामूहिक आलाप गान से मंच सजेगा। लोक कलाकार अंकुर पठान के नेतृत्व में गुजरात के रास लोकनृत्य डांडिया के साथ 'देशज' का समापन होगा।


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