अमिताभ ठाकुर का विवादों से है पुराना नाता, पूर्व सीएम मुलायम सिंह पर मुकदमा दर्ज कराने को दिया था लखनऊ में धरना
वर्ष 2015 में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए वह हजरतगंज कोतवाली के बाहर धरने पर बैठे थे। उन्होंने मुलायाम सिंह पर धमकी देने का आरोप लगाया था। अपराधी विकास दुबे एंकाउंटर मामले में भी किया था ट्वीट।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। पूर्व आइपीएस अमिताभ ठाकुर का विवादों से पुराना नाता है। वर्ष 2015 में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए वह हजरतगंज कोतवाली के बाहर धरने पर बैठे थे। उन्होंने मुलायाम सिंह पर धमकी देने का आरोप लगाया था। शुक्रवार को जब गोमतीनगर और हजरतगंज पुलिस अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार करने कोतवाली पहुंची और उन्हें लाकअप में रखा तो जमकर हंगामा किया। अमिताभ ठाकुर लाकअप में जोर-जोर से चिल्लाने लगे। उनका कहना था कि उन्हें फर्जी आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया है यह ठीक नहीं है। यह देख पुलिस कर्मियों ने मुंंशियाने के कमरे का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया। इस बीच अमिताभ ठाकुर की पत्नी अधिवक्ता नूतन ठाकुर पहुंची। उन्होंने पुलिस की गिरफ्तारी का विरोध किया। पति से मिलाने के लिए कहा पर पुलिस ने उन्हें मना कर दिया।
अपराधी विकास दुबे एंकाउंटर मामले में भी किया था ट्वीट : बीते साल कानपुर में अपराधी विकास दुबे के एंकाउंटर मामले में भी अमिताभ ठाकुर ने ट्वीट किया था। उन्होंंने ट्वीट कर लिखा था, विकास दुबे सरेंडर हो गया है, हो सकता है कि पुलिस कस्टडी में भागने की कोशिश करे और मारा जाए। उन्होंंने आगे लिखा कि मेरी निगाह में असल जरूरत इस कांड से सामने आई यूपी पुलिस के अंदर की गंदगी को ईमानदारी से देखते हुए उस पर निष्पक्ष, कठोर कार्रवाई करना है। इसके अलावा उन्होंने कई अन्य बयान भी दिए थे।
गेट के पास लगाई जीप और बैठाकर ले गए : अमिताभ ठाकुर की गिरफ्तारी की सूचना पर हजरतगंज कोतवाली में मीडिया का जमावड़ा लग गया था। पुलिस ने उन्हें मुंशियाने से शाम करीब 5:30 बजे निकाला। मुंशियाने के गेट पर ही पुलिस ने जीप लगा दी थी। पूर्व आइपीएस को मुंशियाने से निकालने के बाद कड़ी सुरक्षा में सीधे पुलिस ने घेरा बनाकर उन्हें जीप में बैठाया। जीप में बैठाने के दौरान दौरान भी अमिताभ ठाकुर ने विरोध किया। इसके बाद उन्हें कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया गया।