लखनऊ: जाम ने ली एक और जान, घंटों फंसी रही एंबुलेंस- बच्ची ने तोड़ दम
कचहरी रोड से लेकर बलरामपुर अस्पताल के गेट पर लगे भीषण जाम में फंसी रही एंबुलेंस। माल सीएचसी से रेफर हुए आठ माह के बच्चे की हुई मौत।
लखनऊ, जेएनएन। बलरामपुर अस्पताल के गेट पर लगे भीषण जाम ने एक बार फिर मासूम बच्चे की जान ले ली। एंबुलेंस करीब 15 मिनट तक गेट पर जाम में फंसी रही। किसी तरह एंबुलेंस परिसर के अंदर दाखिल हुई। जहां भी वह पांच मिनट तक खड़ी रही। इस दौरान गंभीर हालत में रेफर किए गए बच्चे की इमरजेंसी तक पहुंचने से पहले मौत हो गई। वहां डॉक्टरों ने परीक्षण करके उसे मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद तीमारदार शव लेकर वापस चले गए।
माल निवासी हरिपाल का आठ माह का बेटा आयुष को निमोनिया था जिसकी वजह से सांस लेने में दिक्कत थी। तीमारदार उसका उपचार निजी अस्पताल में करवा रहे थे। सोमवार सुबह बच्चे को सांस लेने में तकलीफ होने पर डॉक्टर ने हालत गंभीर होने पर उसे बलरामपुर अस्पताल रेफर किया। सुबह करीब 11:30 बजे तीमारदार निजी एंबुलेंस बुलाकर उसे बलरामपुर अस्पताल को निकले थे।
माल से बलरामपुर अस्पताल तक सफर तय करने में एंबुलेंस को दो घंटा बीत गया। कई जगह जाम में फंसकर एंबुलेंस रेंगती रही। दोपहर करीब डेढ़ बजे एंबुलेंस बलरामपुर अस्पताल के कचहरी गेट पर पहुंची। गेट पर एंबुलेंस जाम में फंसकर रेंगती रही। जहां पर रोडवेज बसों की वजह से एंबुलेंस फिर से फंस गई। वहां से काफी समय बाद रेंगरेंगकर एंबुलेंस निकल पाई। आगे बढ़ते ही सुपर स्पेशलियटी वार्ड का मेन गेट बंद होने से एंबुलेंस अंदर नहीं घुस पाई। इस दौरान बच्चे की सांसे उखडऩे लगी।
एंबुलेंस चालक सायरन बजाते हुए मेन गेट पर पहुंचा। गेट पर लगे जाम में एंबुलेंस फंसी रही। मेन गेट से अंदर परिसर में आते ही एंबुलेंस वहां भी लगे जाम में रेंगरेंगकर इमरजेंसी तक पहुंची। वहां तीमारदारों ने मासूम को उतारकर इमरजेंसी अंदर ले गए। वहां डॉक्टरों ने मरीज को मृत घोषित कर दिया। तीमारदार हरिपाल का आरोप है कि इलाज में देरी व जाम में एंबुलेंस फंसने से बच्चे की मौत हुई हैै।