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UP By Election Result 2020: उपचुनाव में भी बना रहता सपा-बसपा गठबंधन तो बदल जाती तस्वीर

UP By Election Result 2020 तब सपा-बसपा बेमेल साबित हुआ लेकिन गठबंधन अब भी कायम रहता तो सात सीटों पर हुए उपचुनाव में जरूर भाजपा के लिए मुश्किल खड़ी होती। छह सीटों पर भगवा परचम लहराने वाली भाजपा को तीन पर सपा-बसपा के कुल वोट से कम वोट मिले हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 12 Nov 2020 06:01 PM (IST)Updated: Thu, 12 Nov 2020 06:01 PM (IST)
UP By Election Result 2020: उपचुनाव में भी बना रहता सपा-बसपा गठबंधन तो बदल जाती तस्वीर
उपचुनाव में भी बना रहता सपा-बसपा गठबंधन तो बदल जाती तस्वीर

लखनऊ [अजय जायसवाल]। याद कीजिए 12 जनवरी, 2019 का दिन, जब ढाई दशक बाद दो धुर विरोधी दल सपा और बसपा ने साथ मिलकर न केवल लोकसभा, बल्कि विधानसभा चुनाव लड़ने की हुंकार भरी थी। तब एक-दूसरे के साथ के दम पर भाजपा को उपचुनाव में हराने का दम भरते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने गठबंधन को भाजपा नेताओं की नींद उड़ाने वाला बताया था। बेशक, तब वह मेल निस्संदेह बेमेल साबित हुआ, लेकिन गठबंधन अब भी कायम रहता तो सात सीटों पर हुए उपचुनाव में जरूर भाजपा के लिए मुश्किल खड़ी होती। वजह यह कि उपचुनाव में छह सीटों पर भगवा परचम लहराने वाली भाजपा को तीन पर सपा-बसपा के कुल वोट से कम ही वोट हासिल हुए हैं।

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उत्तर प्रदेश में 2017 के विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करने वाली भाजपा के विजयी रथ को रोकने के लिए ही लोकसभा चुनाव से पहले सपा-बसपा और रालोद का गठबंधन हुआ था। लोकसभा चुनाव में गठबंधन के बेहतर नतीजे न रहने पर मायावती ने पहले उसे तोड़ने का एलान किया और हाल ही में सपा को हराने के लिए किसी भी हद तक जाने की घोषणा की। यहां तक कह दिया कि भाजपा के साथ जाने से भी उन्हें गुरेज नहीं। ऐसे में चुनाव मैदान में अलग-अलग ताल ठोंकने के नतीजे सामने हैं।

विधानसभा उपचुनाव वाली सात सीटों में से छह (नौगावां सादात, बुलंदशहर, टूंडला, बांगरमऊ, घाटमपुर, देवरिया) भाजपा और एक जौनपुर की मल्हनी सीट सपा जीतने में कामयाब रही है। साढ़े तीन वर्ष पहले के आम चुनाव में भी संबंधित सीटें इन्हीं दलों के पास थीं। बसपा तब भी अलग लड़ी थी, जबकि सपा का कांग्रेस के साथ गठबंधन था। उपचुनाव की सीटों पर दलवार मिले मतों को देखने से साफ है कि यदि गठबंधन बना रहता और सपा-बसपा ने मिलकर चुनाव लड़ा होता तो उनकी झोली में नौगावां सादात, टूंडला और देवरिया सीट भी हो सकती थी।

नौगावां सादात सीट पर भाजपा को जहां 86,692 वोट मिले हैं, वहीं सपा-बसपा के कुल वोट 1,10,014 हैं। ऐसे ही टूंडला में 72,950 मत भाजपा को मिले हैं, जबकि उससे कहीं ज्यादा 96,277 वोट सपा-बसपा के हैं। देवरिया सीट पर सपा-बसपा को 70,712 वोट मिले हैं, जबकि भाजपा के 68,732 वोट ही हैं। मल्हनी सीट सपा अकेले ही जीतने में कामयाब रही है। यहां भाजपा तीसरे व बसपा चौथे स्थान पर रही है। हालांकि, भाजपा को बुलंदशहर में रालोद (सपा नहीं लड़ी) व बसपा तथा बांगरमऊ व घाटमपुर में सपा व बसपा के कुल मतों से भी ज्यादा वोट मिले हैं।


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